खेल-खिलाड़ी

पैरालंपिक पदक विजेताओं का स्वदेश लौटने पर जोरदार स्वागत

नई दिल्ली
पेरिस में हाल ही में संपन्न हुए पैरालंपिक खेलों में 29 पदक जीतने वाले भारत के पैरालंपिक पदक विजेताओं का मंगलवार को यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सैकड़ों समर्थकों ने फूल-मालाओं और मिठाइयों के साथ जोरदार स्वागत किया। आज सुबह जब खिलाड़ी हवाई अड्डे से बाहर निकले तो ढोल की थाप और जयघोष के साथ उनका स्वागत किया गया। समर्थक, खेल प्रशासक और परिवार के लोग खिलाड़ियों का स्वागत करने पहुंचे।

भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने कहा, ‘‘इस भव्य स्वागत के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।’’ सुमित ने 70.59 मीटर के प्रयास के साथ खेलों का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर एफ64 श्रेणी में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता। वह मौजूदा विश्व चैंपियन निशानेबाज अवनि लेखरा के बाद पैरालंपिक खिताब का बचाव करने वाला दूसरा भारतीय खिलाड़ी बना। अवनि ने तोक्यो खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पेरिस खेलों में भी इसी स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वह अपनी स्पर्धाएं पूरी करने के बाद पिछले सप्ताह देश लौटी थीं।

अंतिल ने 2015 में मोटरसाइकिल दुर्घटना में घुटने के नीचे अपना बायां पैर खो दिया था। दुर्घटना से पहले वह सक्षम खिलाड़ियों के वर्ग में पहलवान थे। दुर्घटना के बाद घुटने के नीचे उनका पैर काटना पड़ा था। अंतिल ने कहा, ‘‘जब आप अच्छी तरह से तैयारी करते हैं, तो आप अपने आप ही आत्मविश्वास महसूस करते हैं। मैं जल्द ही 75 मीटर का आंकड़ा पार करने की कोशिश करूंगा। मैंने कुछ दिनों से चाय नहीं पी है, मैं अपने परिवार के साथ चाय पीना चाहूंगा।’’

पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी कर रहे तीरंदाज हरविंदर सिंह स्वागत से अभिभूत थे। बचपन में डेंगू के उपचार के दुष्प्रभावों के कारण उनके पैर खराब हो गए। वह तीन साल पहले तोक्यो में कांस्य पदक के साथ इस खेल में देश के पहले पदक विजेता बनने के बाद पेरिस में पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बने। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुद को व्यस्त रखना पसंद है। इससे मुझे ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है, दिमाग कम भटकता है। कोई भी व्यक्ति जो परेशान या हारा हुआ महससू करता है, वह पैरा खिलाड़ियों से प्रेरणा ले सकता है।’’

समर्थकों ने हरविंदर और साथी तीरंदाज शीतल देवी पर फूलों की वर्षा की। बिना हाथों के पैदा हुई शीतल ने राकेश कुमार के साथ मिश्रित टीम कांस्य पदक जीता जबकि वह व्यक्तिगत पदक से मामूली अंतर से चूक गईं थी। शीतल ने कहा, ‘‘मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा। मैं बहुत खुश हूं कि भारत ने तीरंदाजी में दो पदक जीते। हमें अच्छा समर्थन मिला और इसीलिए हमने इतने सारे पदक जीते।’’ भारत पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहा।

अपने छोटे कद के कारण एफ41 वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाले भाला फेंक खिलाड़ी नवदीप को उनके समर्थकों ने उठाया और उनके साथ जश्न मनाया। नवदीप ने 47.32 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता। भारत ने 84 खिलाड़ियों का दल भेजा था जो खेलों के लिए देश का अब तक का सबसे बड़ा दल था। देश ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सात स्वर्ण पदक सहित कुल 29 पदक जीते।

 

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