संसद सुरक्षा उल्लंघन : संसद सुरक्षा उल्लंघन का सच आएगा सामने, छह आरोपियों का होगा साइकोलॉजिकल टेस्ट
नई दिल्ली.
संसद सुरक्षा चूक मामले में पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। अब पुलिस आरोपियों से हमले के बारे में सच निकवाने की योजना बना रही है। इसी को देखते हुए इन आरोपियों का साइकोलॉजिकल टेस्ट कराया जाएगा। छह आरोपियों को साइकोलॉजिकल टेस्ट से गुजरना होगा, जो उनके व्यवहार का एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन है, जो जांच टीम के सामने सच को लाएगा।
इससे आरोपियों के इरादे और उद्देश्यों का पता चलेगा। छह आरोपियों में से एक को कल टेस्ट के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ले जाया गया था। अन्य आरोपियों को भी एक एक कर टेस्ट से गुजरना होगा। अदालत ने गुरुवार को संसद में हालिया सुरक्षा उल्लंघन को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज यूएपीए मामले में चार आरोपियों को 15 दिनों की अतिरिक्त पुलिस हिरासत में भेज दिया। सात दिनों की पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था। पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष दिल्ली पुलिस ने आरोपी सागर शर्मा, मनोरंजन डी, नीलम वर्मा और अमोल शिंदे की 15 दिन का रिमांंड बढ़ाने का आग्रह किया। जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि मामले की जांच जारी है और आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे। यह गंभीर मामला है ऐसे में उनकी रिमांड अवधि बढ़ाना जरूरी है।
अन्य सह आरोपी ललित झा और महेश कुमावत को भी सात दिनों की पुलिस हिरासत रिमांड पर भेज दिया गया था। 2001 के संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन में दो आरोपी सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा के कक्ष में कूद गए, जब शून्यकाल चल रहा था। दोनों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में की गई। सोशल मीडिया पर सामने आईं तस्वीरों और वीडियो में दोनों पीली गैस छोड़ने वाले कनस्तरों को पकड़े नजर आ रहे हैं। वे नारे भी लगा रहे थे। अमोल शिंदे और नीलम देवी के रूप में पहचाने गए दो अन्य आरोपियों ने भी संसद परिसर के बाहर इसी तरह के कनस्तरों से रंगीन गैस का छिड़काव किया। वे कथित तौर पर चिल्ला रहे थे तानाशाही नहीं चलेगी।