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PBKS की सह-मालकिन प्रीति जिंटा ने नियुक्ति को चुनौती देते हुए चंडीगढ़ की अदालत का रुख दिया

पंजाब
पंजाब किंग्स की स्वामित्व वाली कंपनी केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड में नए डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ गया है। PBKS की सह-मालकिन प्रीति जिंटा ने नियुक्ति को चुनौती देते हुए चंडीगढ़ की अदालत का रुख दिया है। उन्होंने 21 अप्रैल को कंपनी की अहम मीटिंग को अवैध ठहराने की मांग की है। पंजाब किंग्स आईपीएल 2025 में शानदार प्रदर्शन कर रही है। वह प्लेऑफ में पहुंच चुकी है लेकिन उसके मालिकान के बीच ही विवाद हो गया है। टीम की सह-मालकिन प्रीति जिंटा अपने ही बिजनेस पार्टनर मोहित बर्मन और नेस वाडिया के खिलाफ चंडीगढ़ की अदालत में चली गई हैं। जिंटा, बर्मन और वाडिया तीनों ही पंजाब किंग्स की ओनर कंपनी के डायरेक्टर हैं।

क्या है विवाद?
ताजा विवाद की जड़ में 21 अप्रैल को हुई केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड (पंजाब किंग्स के स्वामित्व वाली कंपनी) की एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग है। प्रीति जिंटा ने मीटिंग की वैधता, उसकी प्रक्रिया और कंपनी का नया डायरेक्टर चुने जाने को अदालत में चुनौती दी है। उन्होंने अदालत से मीटिंग को अवैध ठहराने और मुनीश खन्ना को डायरेक्टर के तौर पर काम करने से रोके जाने की गुजार लगाई है। उन्होंने मीटिंग में लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन पर भी रोक लगाने की मांग की है।

प्रीति जिंटा के विरोध के बावजूद मुनीश खन्ना बनाए गए डायरेक्टर
जिंटा का दावा है कि मीटिंग कंपनीज ऐक्ट 2013 और दूसरे कानूनी प्रावधानों को धता बताते हुए बिना उचित प्रक्रिया के हुई। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक जिंटा ने 10 अप्रैल को ईमेल भेजकर कथित तौर पर होने वाली मीटिंग को लेकर अपनी आपत्ति जताई थी लेकिन उनकी चिंताओं को दरकिनार कर दिया गया।

खुद आपत्ति जताने के बाद भी प्रीति जिंटा ने कंपनी के एक और डायरेक्टर करन पॉल के साथ मीटिंग में हिस्सा लिया। दोनों ने ही मीटिंग के दौरान मुनीश खन्ना को डायरेक्टर बनाए जाने का विरोध किया। विरोध के बावजूद मोहित बर्मन ने नेस वाडिया के समर्थन की बदौलत खन्ना की नियुक्ति पर आगे बढ़े।

 

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