बिलासपुर में मुस्लिम समुदाय के लोग भी हर्षोल्लास से मनाते हैं दीवाली
टीम एक्शन इंडिया/बिलासपुर/कश्मीर ठाकुर
सोशिल मीडिया पर निरंतर प्रसारित एवं प्रचारित हो रही नकारात्मक भ्रांतियां गाहे बगाहे नकारात्मक ही परिणाम देंगी लेकिन पढ़े लिखे एवं सभ्य समाज के बुद्धिजीवी वर्ग पर इनका कोई असर नहीं पड़ता। बिलासपुर एक ऐसा स्थान है जहां पर सामाजिक एवं धार्मिक बंधनों पर आपसी प्रेम भारी पड़ता है। कोई भी कार्य हो इसमें हर जाति हर समुदाय के लोग इतना बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं कि यह त्योहार उनका अपना हो। मौजूदा परिवेष में ऐसे अनूठे कार्यक्रम षिक्षित होने के साथ साथ जागरूकता का भी संदेष दुनिया को देते हैं। यूं तो दीवाली का पर्व पूरे बिलासपुर नगर में मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जाता है लेकिन नगर के डियारा सेक्टर में इस पर्व की तैयारियां विशेष रूप से होती हैं। ईद की तरह इस पर्व का भी इंतजार किया जाता है। प्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय नवाज मोहम्मद के परिवार द्वारा उनके घर में आज भी यह परंपरा निर्विघ्न कायम हैं। इस परिवार के सभी सदस्यों द्वारा दीवाली का त्योहार भी ठीक उसी तरह मनाया जाता है जैसे यहां पर ईद का पर्व मनाया जाता है। घर के सदस्यों की माने तो दीवाली किसी एक समुदाय का त्योहार न होकर पूरी मानवता का त्योहार है तथा इसे सभी को हंसी खुषी मनाना चाहिए।
ये भारतीय संस्कृति की अनूठी मिसाल है तथा त्योहार हमें एक दूसरे के करीब लाते हैं। इन्ही त्योहारों में सम्मिलित होकर प्रेम और उज्जवलता का संचार होता है। रहीशा शेख, आशिमा, शालिमा, ईशू आदि ने बताया कि घर के आंगन के मध्य में भव्य एवं सुंदर रंगोली का निर्माण करने में कम से कम अढ़ाई से तीन घंटे का समय लगाया जाता है। शाम को बाकायदा घर को दीपक और रोषनाई से सजाया जाता है। आकर्शक परिधानों में सजधज कर पूरा परिवार आगंतुकों का स्वागत करते हैं तथा पंरपरानुसार उपहारों का लेनदेन होता है। इन परिवारों ने पूरे रस्मो रिवाज से से दीपावली मनाई तथा समूच विष्व के सुख शांति की कामना ईश्वर से की। वहीं नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. शाहिद खान ने अपने परिवार के साथ दीपावली का त्योहार खूब जोश से मनाया। इसके अलावा डियारा ही के अब्बास हुसैन, लवली, मिस्बाह, उस्मान, रौड़ा सेक्टर के हमीद खान, मेन मार्केट से साहिल, मनीष खान आदि ने इस पर्व को हर्षोल्लास से मनाकर आपसी प्रेम का संदेश दिया।