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PGI ने जारी किया 24 घंटे सक्रिय इमरजेंसी नंबर, तुरंत सहायता के लिए रहें तैयार

चंडीगढ़ 
पी.जी.आई. के एडवांस्ड आई सेंटर ने दिवाली की पूरी तैयारी के साथ अपनी आपातकालीन सेवाओं को और मजबूत कर दिया है। दिवाली से जुड़ी सभी संभावित आंखों की आपात स्थितियों से निपटने के लिए पी.जी.आई. ने विशेष टीमें बनाई हैं। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि 22 डॉक्टरों और एक अलग एनेस्थीसिया टीम वाली विशेष टीमें 20 से 22 अक्टूबर तक 24 घंटे तैनात रहेंगी। खास तौर पर दिवाली के दिन 20 अक्टूबर को पूरी टीम दिन-रात आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहेगी।

आंखों के सभी ऑपरेशन बिना किसी इंतजार के किए जाएंगे और इस्तेमाल होने वाला सारा सामान मुफ्त दिया जाएगा। डॉक्टरों के अनुसार पांच साल के आंकड़े बताते हैं कि हर साल औसतन 60 से ज्यादा लोग पटाखे फोड़ते समय आंखों में चोट लगने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचते हैं। इनमें से 60 से 70 प्रतिशत गंभीर होते हैं, जिससे कभी-कभी हमेशा के लिए आंखों की रोशनी चली जाती है। इसलिए इस बार जन जागरूकता और बचाव पर विशेष जोर दिया गया है।

इस तरह करें आंखों की रक्षा 
दिवाली खुशी और रोशनी का त्योहार है, लेकिन पटाखों से निकलने वाली गर्मी, रोशनी और रसायन आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए थोड़ी सी सावधानी इस त्योहार को और भी सुरक्षित बना सकती है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि पटाखे फोड़ते समय कम से कम 6 से 8 फीट की दूरी बनाए रखें और सुरक्षा चश्मा पहनें। पटाखों का इस्तेमाल केवल खुली जगहों पर ही करें और बच्चों को अकेले पटाखे न फोड़ने दें। पास में पानी की एक बाल्टी और प्राथमिक चिकित्सा किट रखें। सूती कपड़े पहनना ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि सिंथेटिक कपड़े जल्दी आग पकड़ सकते हैं।

ऐसा न करें
अगर आपकी आंखों में चिंगारी या धूल चली जाए, तो उन्हें रगड़ने के बजाय तुरंत अपने नजदीकी नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। अगर आपको कोई जलन या चोट लगे, तो अपनी आंखों को हल्के कपड़े से ढक लें और तुरंत अस्पताल जाएं। दोबारा पटाखे न फोड़ें और न ही दूसरों पर फेंकें। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि दिवाली के दौरान सभी आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। आंखों से जुड़ी किसी भी आपात स्थिति के लिए, लोग मोबाइल नंबर 9814014464 और लैंडलाइन नंबर 0172-2756117 पर संपर्क कर सकते हैं। पीजीआई टीम ने दिवाली पर सुरक्षा और संवेदनशीलता, दोनों का ध्यान रखने की अपील की है, क्योंकि एक पल की लापरवाही आंखों की रोशनी छीन सकती है। सुरक्षित रहें, जिम्मेदारी से त्योहार मनाएं और इस दिवाली को सचमुच 'रोशनी की दिवाली' बनाएं, न कि अंधेरे की।

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