पीएम मोदी ने बताया 10 साल का प्लान, बैंकिंग सेक्टर पर कही ये बात
मुंबई
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत को अगले 10 वर्षों में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है ताकि राष्ट्र वैश्विक कारकों से ज्यादा प्रभावित न हो.रिजर्व बैंक के 90 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जून में तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सत्ता में आने पर हर किसी के लिए ढेर सारे काम सृजित होंगे.उन्होंने कहा,”हमें भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ानी होगी.”
”बैंकिंग क्षेत्र फायदे में आ गया है”
मोदी ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र फायदे में आ गया है और पिछले दशक में उनकी सरकार और RBI द्वारा किए गए प्रयासों के कारण ऋण वृद्धि बढ़ रही है.उन्होंने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए, जो 2018 में लगभग 11.25 प्रतिशत था, सितंबर 2023 तक घटकर 3 प्रतिशत से कम हो गया.
मोदी ने कहा कि ‘ट्विन बैलेंस शीट’ की समस्या अब अतीत की बात हो गई है और बैंक अब ऋण में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रहे हैं.प्रधानमंत्री ने कहा कि आरबीआई ने इन सभी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
केस स्टडी के योग्य है बदलाव
पीएम मोदी ने कहा कि स्पष्ट नीति, इरादे और निर्णय लेने के संयोजन से बैंकिंग प्रणाली में सुधार हुआ है। भारतीय बैंकिंग सिस्टम का बदलाव, एक केस स्टडी है। पीएम मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए की गिरावट का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि बैंकों का ग्रॉस एनपीए साल 2018 में लगभग 11.25 प्रतिशत था जो सितंबर 2023 तक घटकर 3 प्रतिशत से कम हो गया।
पीएम मोदी ने कहा कि ट्विन बैलेंस शीट की समस्या अब अतीत की बात हो गई है और बैंक अब लोन में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक आज यूपीआई को दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है। आने वाले दस वर्षों में केंद्रीय बैंक को डिजिटल लेनदेन और वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने को प्राथमिकता देनी होगी।
सिक्के का अनावरण
आरबीआई की 90वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने स्मारक सिक्के का अनावरण भी किया। इस मौके पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं। बता दें कि देश के केंद्रीय बैंक के रूप में आरबीआई की स्थापना 1935 में हुई थी और यह भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के साथ-साथ हिल्टन यंग कमीशन की सिफारिशों द्वारा विनियमित है।
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का प्रयास अगले दशक में एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली प्रदान करना होगा, जो देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर काम करेगी। उन्होंने कहा रिजर्व बैंक एक स्थिर और मजबूत वित्तीय प्रणाली पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो हमारे देश की आर्थिक प्रगति के लिए आधार के तौर पर काम करेगी। गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि एक संस्था के रूप में रिजर्व बैंक का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आरबीआई मुद्रास्फीति पर काबू पाने में सफल रहा है।