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पीएमजीएसवाय योजना ग्रामीण विकास के लिए वरदान : मंत्री श्री पटेल

भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि सड़क निर्माण में ऐसी तकनीको का प्रयोग बढ़ाया जाएगा, जिससे प्रकृति संरक्षण और समावेशी विकास हो। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सड़कों के निर्माण में ग्रीन टेक्नोलॉजी में अगुआई करने वाला राज्य बनेगा। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि राज्य ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के तीनों चरणों में उत्कृष्ट कार्य किया है, चौथे चरण में भी बेहतर काम होगा। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में योजना के सभी लक्ष्य समय सीमा में पूर्ण होंगे। मंत्री श्री पटेल मंगलवार को "प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की सफलता 2000-2024 एवं आगामी कार्य योजना पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित विशेष कार्यक्रम मे शामिल हुए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, संयुक्त सचिव श्री अमित शुक्ला, मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क प्राधिकरण श्री दीपक आर्य उपस्थित रहे।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत की। यह योजना से ग्रामीण विकास के लिए वरदान साबित हुई। उनकी जनशताब्दी पर योजना ने 25 वर्ष पूर्ण कर लिए है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के शरीर में जिस तरह रीढ़ की हड्डी है, उसी तरह ग्रामीण सड़कों ने देश के विकास में अपना योगदान दिया है। मध्यप्रदेश ने योजना के प्रारंभ से ही उल्लेखनीय कार्य किए गए है। एमपीआरआरडीए के नवाचार ई-मार्ग, संवेग की सराहना केंद्र सरकार द्वारा की गई है, यह विशेष उपलब्धि है। प्राधिकरण द्वारा योजना के तहत बनाई गई 77 सड़कों का संधारण महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है, यह अत्यंत सराहनीय है। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि राज्य में 10 हजार किलोमीटर के अधिक सड़कें वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर बनाई गई है और इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

मंत्री श्री पटेल कहा कि जनजातीय समुदायों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का काम भी इस योजना ने किया है। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों में सड़कों के बनने से सरकार की पहुंच बढ़ी है। उन्होंने बताया कि कैसे नरसिंहपुर जिले के जनजातीय गांव बमनी तक सड़क बनने से शेष गांव भी लाभान्वित हुए। उन्होंने पीएम जनमन योजना में जनजातीय क्षेत्रों में सड़क निर्माण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि जो बसाहटें सड़क विहीन हैं, उन्हें इस योजना के आगामी चौथे चरण में शामिल किया जायेगा। वर्कशॉप में आगामी कार्ययोजना और संभावित चुनौतियों और उनके समाधान पर भी विचार विमर्श हो।

प्रमुख सचिव श्रीमती रस्तोगी ने कहा कि पीएमजीएसवाय की सफलता का कारण योजना की सेंट्रलाइज्ड प्लानिंग है। मध्यप्रदेश हमेशा इस योजना के क्रियान्वयन में अव्वल रहा है, हम आगे भी अग्रणी रहेंगे। आगामी योजना में नई टेक्नोलॉजी के उपयोग पर अधिक जोर दिया जाएगा साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों की भागीदारी भी बढ़ाई जाएगी।

संयुक्त सचिव श्री शुक्ला ने कहा कि योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में कई नवाचार किए गए हैं, जो सराहनीय है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का चौथा चरण प्रारंभ हो रहा है। इस चरण में 2011 की जनसंख्या अनुसार मैदानी इलाकों में 500+, पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों, विशेष श्रेणी क्षेत्रों (जनजातीय अनुसूची V, आकांक्षी जिले/ब्लॉक, रेगिस्तानी क्षेत्र) में 250+ की जनसंख्या से अधिक बसाहटों को जोड़ा जायेगा। सर्वे कार्य जनवरी 2025 तक पूर्ण होगा। सड़क निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को शामिल किया जाएगा, कोल्ड मिक्स प्रौद्योगिकी, अपशिष्ट प्लास्टिक, पैनलयुक्त सीमेंट कंक्रीट, सेल-भरे कंक्रीट तथा अन्य अपशिष्ट, फ्लाई ऐश और स्टील धातुमल का उपयोग होगा। उन्होंने कहा कि मैदानी स्तर पर स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाए। योजना के लिए कार्य योजना पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से बनाई जाएगी, साथ ही पोर्टल पर उपलब्ध नियोजन टूल डीपीआर तैयार करने में भी सहायक होगा।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर्य ने कहा कि मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विगत तीन वर्षों से सड़क निर्माण एवं गुणवत्ता में अग्रणी होने से केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया है। राज्य में आई टी टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा। प्राधिकरण द्वारा विकसित ई-मार्ग सॉफ्टवेयर सम्पूर्ण देश में लागू किया गया है। यह गर्व का विषय है। संवेग पोर्टल से सड़को का संधारण बेहतर हो रहा है। नवीन टेक्नोलॉजी समावेश, कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए राज्य में प्रशिक्षण अकादमी भी स्थापित की गई है। इस अवसर पर पीएमजीएसवाय की उपलब्धियों पर आधारित फिल्म दिखाई गई। मुख्य अभियंता आरआरडीए श्री विजय गुप्ता ने आभार व्यक्त किया।

 

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