नीतीश कुमार के फैसले पर राजनीति शुरू, बच्चों के लिए तो छुट्टी कर दी लेकिन शिक्षकों को स्कूल में बने रहने का आदेश दिया
पटना
एक तरफ लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार का राजनीतिक पारा काफी हाई है तो दूसरी और मौसम भी इतना गर्म और तल्ख खो गया है कि बिहार में हीट वेब के चपेट में आकर अब तक 59 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. उधर आसामान से आग बरसाती गर्मी के बावजूद केके पाठक पाठक के आदेश से स्कूलों की टाइमिंग पर पहले से सवाल उठ रहे थे। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले पर भी राजनीति शुरू हो गई है जिसमें उन्होंने बच्चों के लिए तो छुट्टी कर दिया लेकिन शिक्षकों को स्कूल में बने रहने का आदेश दिया है। राजद के लीडर तेजस्वी यादव ने चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले इस मुद्दे को लपक लिया है और नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ा दाव खेल दिया है।
राज्य में गर्मी से मृत लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए तेजस्वी यादव ने सरकार के उस फैसले को अमानवीय करार दिया है जिसमें स्कूलों में छुट्टी के बावजूद शिक्षकों को रोज समय से और दोपहर तक स्कूलों में तैनात रहने का आदेश दिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि बिहार में एनडीए सरकार की हठधर्मिता की हद पार कर रही है। भीषण गर्मी में विद्यालय खोलने से छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की मौत की खबरें मिल रही हैं। विपक्ष के दबाव में एक दिन पहले स्कूल बंद कर दिए गए लेकिन इस जानलेवा गर्मी में भी शिक्षकों को स्कूल आने के कड़े निर्देश दिए गए है। तेजस्वी यादव ने पूछा है कि स्कूल में जब छात्र ही नहीं रहेंगे तो शिक्षक जाकर क्या करेंगे। इस भीषण गर्मी में शिक्षकों को अवश्य ही छुट्टी देनी चाहिए। दरअसल राज्य में पहले ही गर्मी की छुट्टी दे दी गयी थी। उस समय भी बच्चों को स्कूलों से बाहर तो शिक्षकों को दो घंटों की ड्यूटी पर रखा गया था। इसका शिक्षक संघों के साथ एमएलसी संजय सिंह और बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने भी कड़ा विरोध किया था।
तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार और उनके पदाधिकारी अपना हर काम एसी में बैठकर करते हैं। स्कूलों में गर्मी से बचाव का कोई उपाय नहीं है। कहा कि पूरा मंत्रिमंडल एयर कंडीशन वाले कमरों में आराम फरमा रहा है परंतु शिक्षकों की जान लेने पर आमादा है। उन्होंने शिक्षकों को भी छुट्टी देने की मांग उठाई है।
इससे पहले भी तेजस्वी यादव बिहार के शिक्षा विभाग की गतिविधियों को लेकर नीतीश कुमार की आलोचना करते रहे हैं। पिछले दिनों तेजस्वी ने केके पाठक का नाम लिए बगैर कहा था कि शिक्षा विभाग के अधिकारी सीएम की बात नहीं मानते। वह काफी हठधर्मी हो चुके हैं। राज्य में तापमान 45 डिग्री पार करने के बाद भी अफसर बच्चों को गर्मी में भी राहत देने को तैयार नहीं हैं। स्कूलों का इंफ्रा स्ट्रक्चर ऐसा नहीं है कि बच्चे वहां सुरक्षित रहें।