राजनीतिक

प्रदीप गिल ने ‘परिवर्तन रैली’ में विधायक को सुनाई खरी खोटी- ‘जो जनता गद्दी पर बैठा सकती हैं तो वह खींच भी सकती है’

जींद
हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार लिए अब सिर्फ 30 घंटे ही बचे हैं ऐसे में चाहे निर्दल प्रत्याशी हो या किसी पार्टी का प्रचार में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है। इसी कड़ी में जींद विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप गिल ने जींद में एक चुनावी रैली की। इस दौरान गिन ने बीजेपी जमकर जुबानी हमला बोला। गिल ने कहा किसान की शहादत पर और सरपंचों पर हुई लाठीचार्ज पर बीजेपी विधायक एक शब्द नहीं बोला।

जनता को संबोधित करते हुए जींद विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप गिल ने कहा डॉक्टर कृष्ण मिड्ढा जी को सहानुभूति मिली। जींद की जनता ने पलकों पर बिठाने का काम किया। एक बार नहीं एक बार-बार इलेक्शन में और दोबारा से आप लोगों ने विधानसभा पहुंचने का काम किया, लेकिन उम्मीद क्या थी ? उम्मीद ये थी जिस किसान, कमेरे मजदूर, पिछड़े, नौजवान ने झंडे और डंडे लगा कर के ढोल नगाड़े  बजा-बजा करके इन्हें बनाने का काम किया। लेकिन उसे भी भूल गए ?

उन्होंने कहा कि जब 700 किसानों की शहादत हुई तो एक शब्द नहीं बोला । 36 बिरादरी की  हमारी आंगनवाड़ी  वर्कर पीटी गई  एक शब्द नहीं बोला। आशा वर्कर को पीटा गया। एक शब्द नहीं बोला, ये याद कीजिए 36 बिरादरी के चुने हुए सरपंचों को उनकी कमर पर लाठियों से डण्डे मार- मार करके पीटा गया। स्वाभिमान होता है सरपंच चुना हुआ प्रतिनिधि। जो राजनीति में सबसे पहले खड़े होकर सरपंच मैं बताना चाहता हूं उन भाइयों की बेइज्जती करने का काम किया एक शब्द नहीं बोला। उन्होंने कहा कि उल्टा हमें हमारे पर नमक छिड़कने का काम किया है। कहा किसान मजदूर ओछी मानसिकता का व्यक्ति है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने ललकारा था उसे  मैंने कहा था आदरणीय विधायक जी  हमारे लोग हमें अपशब्द बोलने की अनुमति नहीं देते हमारे बुजुर्गों ने किसी का अपमान करना सिखाया नहीं, आप जो हमारे लिए  अपशब्द बोल रहे हैं। आप हमारी किसानी और मजदूरी को आप दिव्य दिखाने का काम कर रहे हैं। मैंने बताया था इसी किसान ने मजदूर भाइयों ने किसान भाइयों ने आपको चंडीगढ़ का रास्ता दिखाया था, अगर ये उस गद्दी पर बिठा सकते हैं तो गद्दी पर से खींच भी सकते हैं।

 

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