धार्मिक स्थलों के पास शराब बिक्री पर और सख्ती की तैयारी
ग्वालियर
नए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश की नई आबकारी नीति का कच्चा मसौदा तैयार करने पर विभागीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू हो गई है। आबकारी विभाग के आला अफसरों का पूरा जोर इस बात पर है कि नए वित्तीय वर्ष में शराब कारोबार से मिलने वाले राजस्व में इजाफा हो। इसके लिए नई नीति में बदलाव करने पर बैठकें कर सलाह-मशविरा कर रहे। इसी के साथ आबकारी विभाग में मैदानी स्तर पर काम कर रहे जिलों के अधिकारियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। खास बात यह है कि नई नीति में धार्मिक स्थलों के आस-पास शराब बिक्री व सेवन को लेकर और सख्ती की जा सकती है।
आबकारी विभाग के अफसर भी नए मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ही नई आबकारी नीति का मसौदा बनाने में लग गए हैं। मौजूदा आबकारी नीति के प्रावधानों के अनुसार धार्मिक स्थल और स्कूल-कॉलेजों से 100 मीटर दूरी तक शराब विक्रय प्रतिबंधित किया गया है।
15 % बढ़ सकती है लाइसेंस फीस
विभागीय सूत्रों के अुनसार नए वित्तीय वर्ष में शराब बिक्री से राजस्व बढ़ाने के लिए शराब दुकानों की लाइसेंस फीस में 10 से 15 फीसदी तक वृद्धि करने की संभावना है। बढ़ी हुई लाइसेंस फीस में सरकारी द्वारा पुराने ठेकेदारों को ही नए साल के लिए अपनी दुकानों का नवीनीकरण कराने का अवसर दिया जाएगा। जो भी ठेकेदार अपनी दुकानें रिन्यू नहीं कराएंगे,तो ऐसी शराब दुकनों का ई-टेंडर प्रक्रिया के जरिए निष्पादन करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।