अन्तर्राष्ट्रीय

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- अमेरिका में रहने वाले लाखों यूक्रेनी नागिरकों की होगी ‘घर वापसी’ !

वाशिंगटन
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह इस बात पर विचार कर रहे हैं कि युद्ध की वजह से अमेरिका में रह रहे लाखों यूक्रेनी नागरिकों की अस्थायी संरक्षित स्थिति को रद्द किया जाए या नहीं, हालांकि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।मीडिया के मुताबिक ट्रंप ने ओवल ऑफिस में मीडिया कहा, "हम किसी को चोट पहुंचाना नहीं चाहते, मैं इस पर विचार कर रहा हूं, और कुछ लोग सोचते हैं कि यह उचित है, कुछ लोग नहीं सोचते हैं, और मैं जल्द ही इस पर निर्णय लूंगा।"

ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के लोगों को 'बहुत कुछ सहना पड़ा है'
अमेरिकी राष्ट्रपति की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई जब मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि ट्रंप प्रशासन ने लगभग 2,40,000 यूक्रेन के लोगों की सुरक्षा रद्द करने की योजना बनाई है। ये लोग फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अमेरिका आ गए थे। अगर यूक्रेनी लोगों की सुरक्षा रद्द की जाती है तो यह कदम उन व्यक्तियों को निर्वासित करने के लिए आधार तैयार करेगा। हालांकि व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कोई फैसला नहीं लिया गया है।

बाइडेन प्रशासन ने घोषणा की थी कि वह यूक्रेन के लोगों को 'यूनाइटिंग फॉर यूक्रेन' के माध्यम से देश में प्रवेश की अनुमति देगा। प्रवासियों को दो साल के लिए देश में पैरोल पर रहने की अनुमति दी जाएगी। बशर्ते वे अमेरिका स्थित प्रायोजक को सुरक्षित करने में सक्षम हों। बाइडेन प्रसाशन की तरफ से अपने कार्यकाल के आखिरी महीने में यह ऐलान भी किया गया कि वह यूक्रेनवासियों के लिए अस्थायी संरक्षित स्थिति (टीपीएस) को अक्टूबर 2026 तक बढ़ा रहा है।

ट्रंप प्रशासन ने इसी तरह के अन्य प्रोग्राम को भी निशाना बनाया है जो हैती, क्यूबा, ​​निकारागुआ और वेनेजुएला के नागरिकों को देश में प्रवेश की अनुमति देते हैं।
जनवरी में होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने अमेरिका में रहने वाले लगभग 6,00,000 वेनेजुएलावासियों की अस्थायी संरक्षित स्थिति को निलंबित कर दिया था, और उसके बाद लगभग 5,20,000 हैतीवासियों के लिए भी इसी प्रकार का कदम उठाया गया। इन कार्रवाइयों के कारण अनेक मुकदमें दायर किए गए हैं, जिनमें शरणार्थियों के प्रवेश पर रोक और वेनेजुएला के नागरिकों के लिए टीपीएस को रद्द करने को चुनौती देना भी शामिल है।

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