राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर आये गायों के पास, इंटरनेट पर मचा तहलका

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को फुर्सत के पल बिताते नजर आए। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। मोदी गायों को चारा खिलाते नजर आ रहे हैं। बता दें कि आज मकर संक्राति और पोंगल का त्योहार मनाया जा रहा है। तस्वीरों में देख सकते हैं कि पीएम मोदी के इर्द गिर्द गाएं नजर आ रही हैं। वह गायों को गुण और चारा खिला रहे हैं। इससे पहले भी पीएम मोदी गायों के साथ नजर आए थे। ये गाएं पीएमओ आवास में हैं। बता दें कि हिंदू धर्म में गायों को माता का दर्जा दिया गया है।

इससे पहले 31 दिसंबर को पीएम मोदी की एक तस्वीर सामने आई थी, जिसमें वह गायों के साथ टहलते नजर आ रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने गायों को अपने पास बुलाने की कोशिश भी की थी। के उल्लेखनीय है कि साल 2020 में प्रधानमंत्री मोदी मोर को दाना खिलाते नजर आए थे। पीएम मोदी का प्रकृति और पक्षियों से प्रेम दिखाते इस वीडियो को लेकर चर्चा होने लगी थी।
 
कांग्रेस ने उड़ाया था मजाक
पवन खेड़ा ने ट्वीट कर कहा है कि वाह मोदी जी वाह! लाखों प्रवासी मज़दूरों को सड़कों पर भूखे पेट पैदल चलने और मरने के लिए छोड़ने वाले प्रधानमंत्री पक्षियों को दाना डालते हुए अपना फोटोशूट करवा रहे हैं। उन्होंने तंज करते हुए कहा था कि जब नेता इतना आत्ममुग्ध हो, तो जनता के पास आत्मनिर्भर बनने के सिवा कोई विकल्प भी नहीं है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पोंगल ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत' की राष्ट्रीय भावना को प्रतिबिंबित करता है और यही भावनात्मक जुड़ाव काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् में भी देखने को मिला। केंद्रीय मंत्री एल.मुरुगन के राष्ट्रीय राजधानी स्थित आवास पर आयोजित पोंगल समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के हर घर में उत्सव का उत्साह देखा जा रहा और सभी लोगों के जीवन में खुशी, समृद्धि और संतुष्टि की कामना की। प्रधानमंत्री ने ‘कोलम' (रंगोली) के साथ भारत की विविधता की समानता बताते हुए कहा कि जब देश का हर कोना एक-दूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ता है, तो देश की ताकत एक नए रूप में दिखाई देती है।
 
मोदी ने कहा, ‘‘पोंगल का त्योहार एक भारत श्रेष्ठ भारत की राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है।'' उन्होंने कहा कि यह भी कहा कि काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् द्वारा शुरू की गई परंपरा में यही भावना देखी गई, जिसमें बड़ी संख्या में तमिल समुदाय के लोगों की उत्साही भागीदारी दर्ज की गई। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एकता की यही भावना 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिये सबसे बड़ी ताकत है। मैंने लाल किले से जिस पंच प्रण का आह्वान किया था, उसका मुख्य तत्व देश की एकता को ऊर्जा देना और एकता को मजबूत करना है।''

 

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