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गुरुग्राम में जमीन के रेट में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव, बजघेड़ा में 145% और सरहौल में 108% बढ़ोतरी संभव

गुरुग्राम 

गुरुग्राम में जिला प्रशासन ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भूमि के प्रस्तावित कलेक्टर रेट जारी कर दिए हैं। इन नए रेट्स में कृषि, रिहायशी और कॉमर्शियल भूमि के दामों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है।

सबसे अधिक बढ़ोतरी द्वारका एक्सप्रेसवे से सटे बजघेड़ा गांव की कृषि भूमि में देखी गई है, जहां दरों में 145 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। वहीं सरहौल गांव की कृषि भूमि के रेट 108 प्रतिशत तक बढ़ाए जाने का प्रस्ताव है।

पुराने गुड़गांव के रिहायशी क्षेत्रों में भी 77 प्रतिशत की बढ़ोतरी की बात कही गई है। इन प्रस्तावित कलेक्टर रेट्स को जिला प्रशासन की वेबसाइट gurugram.gov.in पर अपलोड कर दिया गया है, ताकि आम लोग इन्हें देखकर अपनी प्रतिक्रिया दे सकें।

आपत्तियां दर्ज करने के लिए 30 घंटे

जिला प्रशासन ने आमजन को इन प्रस्तावित दरों पर अपनी राय, सुझाव या आपत्तियां दर्ज करने के लिए कल एक बजे तक समय दिया है। हालांकि कुछ लोग इसे बहुत ही कम समय मान रहे हैं। उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन ने कलेक्टर रेट के निर्धारण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाने के लिए आमजन को अपनी राय और आपत्तियां दर्ज करने का पूरा अवसर प्रदान किया है।

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि जिले के निवासी इन प्रस्तावित दरों को ध्यानपूर्वक देखें और यदि उन्हें कोई सुझाव या आपत्ति है, तो वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करें। इससे न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि कलेक्टर रेट का निर्धारण भी अधिक न्यायसंगत होगा।

उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया जिला प्रशासन की ओर से हर साल आयोजित की जाती है, ताकि भूमि की कीमतों को वर्तमान बाजार मूल्यों और क्षेत्र की प्रगति के अनुरूप रखा जा सके। गुरुग्राम जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर में, जहां रियल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है, कलेक्टर रेट का समय-समय पर पुनरीक्षण आवश्यक हो जाता है।

सुझाव और आपत्तियां दर्ज करने की प्रक्रिया ​​​​​​ऑफलाइन: नागरिक अपनी आपत्तियां या सुझाव संबंधित तहसील या उप-तहसील कार्यालयों में जमा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, गुरुग्राम के लघु सचिवालय की दूसरी मंजिल पर स्थित कक्ष संख्या 212 में भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

ईमेल: आमजन अपनी आपत्तियां और सुझाव आधिकारिक ईमेल पते drogrg@hry.nic.in पर भेज सकते हैं। यह सुविधा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो व्यक्तिगत रूप से कार्यालय नहीं पहुंच सकते।

समय सीमा के बाद नहीं होंगी स्वीकार

जिला राजस्व अधिकारी (डीआरओ) विजय यादव ने बताया कि आमजन अपनी आपत्तियां और सुझाव विभिन्न माध्यमों से दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए की विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। सुझाव और आपत्तियां 31 जुलाई 2025, दोपहर 1:00 बजे तक जमा कर दी जाएं।

इसके बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी प्राप्त सुझावों और आपत्तियों का गहन विश्लेषण किया जाएगा और अंतिम कलेक्टर रेट तय करने से पहले इन पर विचार किया जाएगा। कलेक्टर रेट का महत्व

कलेक्टर रेट को सर्किल रेट भी कहा जाता है और यह किसी क्षेत्र में भूमि और संपत्ति के न्यूनतम मूल्य को दिखाता है। जिसके आधार पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना की जाती है। यह रेट सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और इसका उपयोग संपत्ति की खरीद-बिक्री, रजिस्ट्री, और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं में होता है।

गुरुग्राम जैसे शहर में जहां रियल एस्टेट का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, कलेक्टर रेट का निर्धारण न केवल आमजन के लिए, बल्कि रियल एस्टेट डेवलपर्स, निवेशकों और सरकारी राजस्व के लिए भी महत्वपूर्ण है।

मिलेनियम सिटी बन चुका है गुरुग्राम

गुरुग्राम को भारत का ‘मिलेनियम सिटी’ भी कहा जाता है, पिछले कुछ दशकों में रियल एस्टेट और कॉर्पोरेट हब के रूप में तेजी से उभरा है। शहर में बड़ी संख्या में बहुराष्ट्रीय कंपनियां, आईटी पार्क, और रिहायशी परियोजनाएं स्थापित हो चुकी हैं।

द्वारका एक्सप्रेसवे जैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं ने इस क्षेत्र को और आकर्षक बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप, भूमि और संपत्ति की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रस्तावित कलेक्टर रेट में वृद्धि इस बात का संकेत है कि गुरुग्राम में रियल एस्टेट बाजार की मांग बनी हुई है। हालांकि, इस वृद्धि से संपत्ति की खरीद-बिक्री पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में भी वृद्धि होगी, जिसका असर आम खरीदारों और निवेशकों पर पड़ सकता है।

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