महिला आरक्षण बिल में ओबीसी महिलाओं की भागीदारी की मांग को लेकर प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की चेतावनी
भिवानी: महिला आरक्षण बिल में ओबीसी वर्ग की महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण कोटे से बाहर रखा गया है. जिसके विरोध में भिवानी में ओबीसी वर्ग के लोगों ने प्रदर्शन किया. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में ओबीसी वर्ग को बाहर रखा गया है. जो सरासर गलत है.
उन्होंने महिला आरक्षण के तहत ओबीसी महिलाओं को भी संख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित करने, महिला आरक्षण के अंतर्गत एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण को सेपरेट इलेक्टोरेट के साथ लागू किए जाने, ओबीसी वर्ग को संख्या के अनुपात में आरक्षण दिए जाने, एससी, एसटी के राजनीतिक आरक्षण में सभी सेपरेट इलेक्टोरेट लागू किए जाने, ईवीएम को हटाने की मांग की. प्रजापति ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर 7 अक्टूबर को भिवानी में धरना देंगे.
उन्होंने कहा कि इसके बाद भी अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो, 17 अक्टूबर को प्रदर्शन कर सरकार को चेताया जाएगा. अगर फिर भी सरकार नहीं चेती, तो बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ईवीएम मशीन के सहारे तानाशाही कर रही है. ऐसे में किसी भी सरकार की तानाशाही को खत्म करने के लिए ईवीएम को बैन किया जाना अत्यंत आवश्यक है. यदि सरकार ईवीएम मशीन को बैन नहीं करती, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के प्रदेश महासचिव इंद्र सिंह जाजनवाला ने कहा कि विधानसभा व लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए लाए गए बिल में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को वंचित करना देश के अधूरे विकास के बराबर ही है, क्योंकि ओबीसी वर्ग की महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिए बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है. उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज की आबादी में बड़ी हिस्सेदारी होने के बावजूद भी इस वर्ग की अनदेखी की गई.