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पंजाब में अलर्ट! इस जिले में लागू हुई नई पाबंदियां, जानें आपके लिए क्या बदला

नवांशहर
डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट अंकुरजीत सिंह ने इंडियन सिविल सिक्योरिटी कोड के तहत एक ऑर्डर जारी किया है। इसमें जिले में किसी भी तरह के मैरिज पैलेस/रिसॉर्ट, मेले, धार्मिक जगहों, जुलूस, बारात, शादी पार्टियों या दूसरे इवैंट्स/पब्लिक गैदरिंग और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में हथियार ले जाने और प्रदर्शन करने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। इसके अलावा, हथियारों के निजी और सोशल मीडिया पर प्रदर्शन को लेकर भी रोक लगाई गई है।

विरोध प्रदर्शन और 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी
एक और आदेश में, डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट अंकुरजीत सिंह ने जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने, पब्लिक जगहों पर नारे लगाने/भड़काऊ भाषण देने, बिना इजाजत के जुलूस/मीटिंग/रैली निकालने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि खास हालात में सब-डिविजनल मैजिस्ट्रेट से पहले इजाजत लेकर पब्लिक मीटिंग, जुलूस या रैली की जा सकती है। यह आदेश आर्मी की वर्दी में पुलिस/मिलिट्री के जवानों, ड्यूटी पर तैनात किसी दूसरे सरकारी कर्मचारी और शादी/विवाह/शोक सभा/धार्मिक जगहों/संस्थाओं के अंदर में परमात्मा व अकाल पुरख की स्तुति शब्द कीर्तन करने पर लागू नहीं होगा।

सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का आदेश
इस तरह जिले के पैट्रोल पंप के मैनेजर और मालिकों को आदेश दिया गया है कि वे अपने-अपने पैट्रोल पंप और बैंकों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाएं, जिनकी रिकॉर्डिंग कैपेसिटी कम से कम 7 दिन की होनी चाहिए।

बिना परमिशन के ट्यूबवैल और सबमर्सिबल पंप लगाने पर रोक
डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट अंकुरजीत सिंह ने इंडियन सिविल प्रोटैक्शन कोड, 2023 के सैक्शन 163 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, सैंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी ने ब्लॉक औड़ और बंगा को नोटिफाइड एरिया घोषित किया होने के कारण इस एरिया में बिना एन.ओ.सी. के ट्यूबवैल/सबमर्सिबल पंप लगाने पर रोक लगा दी है। जारी किए गए आदेशों के अनुसार, ब्लॉक औड़ और बंगा में बिना जरूरी मंजूरी के ट्यूबवैल/सबमर्सिबल नहीं लगाए जा सकते और अगर कोई मंजूर किए गए कामों से ट्यूबवैल/सबमर्सिबल लगाना चाहता है, तो उसे डिप्टी कमिश्नर के ऑफिस में एन.ओ.सी. के लिए अप्लाई करना होगा और मंजूरी लेनी होगी।
 
बिना इजाजत बोरवैल/ट्यूबवैल खोदने और रिपेयर करने पर रोक
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अंकुरजीत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद मिनिस्ट्री ऑफ वॉटर रिसोर्सेज, भारत सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस के हिसाब से शहरी और ग्रामीण इलाकों में कच्चे कुएं और ट्यूबवैल की खुदाई के कारण लोगों और बच्चों के इन बोरवैल में गिरने के डर को देखते हुए जिले में बिना इजाजत बोरवैल खोदने या उन्हें गहरा करने पर रोक लगा दी है।

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