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पंजाब पुलिस की कोरोना वारियर रहीं अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल को सस्पेंड किया

मोगा
पंजाब पुलिस की कोरोना वारियर रहीं लेडी इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल को सस्पेंड कर दिया गया है। मोगा जिले के थाना कोट इसे खां में SHO तैनात ग्रेवाल पर 5 लाख रुपए लेकर नशा तस्करों को छोड़ने का आरोप है। इस मामले में उसके साथ 2 मुंशियों को भी सस्पेंड किया।

जानें क्या है पूरा मामला

SHO अर्शप्रीत कौर ग्रेवाल ने 1 अक्टूबर को नाके पर एक नशा तस्कर को पकड़ा। उसका नाम अमरजीत सिंह था और वह कोट इसे खां में दातेवाला रोड का रहने वाला था। तलाशी के दौरान आरोपी से 2 किलो अफीम बरामद हुई। इस कार्रवाई में SHO अर्शदीप कौर के साथ कोट इसे खां थाने के मुंशी गुरप्रीत सिंह और बालखंडी चौकी के मुंशी राजपाल सिंह भी शामिल थे। इन्होंने जब आरोपी से पूछताछ की तो पता चला कि उसके साथ नशे की तस्करी में उसका बेटा गुरप्रीत सिंह और भाई मनप्रीत सिंह भी शामिल थे।

आरोपियों को छोड़ने के लिए पैसे ऑफर किए

उनके पास से भी 3 किलो अफीम बरामद हुई थी। हालांकि पुलिस ने केवल 2 किलो अफीम बरामद होने का मुकदमा ही दर्ज किया। इसी बीच किसी व्यक्ति के जरिए आरोपी तस्करों ने SHO अर्शदीप कौर से संपर्क किया और आरोपियों को छोड़ने के लिए पैसे ऑफर किए। जिसके बाद SHO ने 8 लाख रुपए की डिमांड की। इसमें से आरोपियों ने 5 लाख रुपए इंस्पेक्टर को दे दिए, जिन्हें मुंशियों और SHO ने आपस में बांट लिया, और 2 आरोपियों गुरप्रीत और मनप्रीत को छोड़ दिया।

तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया

इस मामले को लेकर DSP ने तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। अब मामले की जांच की जा रही है। साथ ही जो 2 आरोपी गुरप्रीत और मनप्रीत फरार हैं, उन्हें पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। सीनियर पुलिस अधिकारी मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं। आरोपी पुलिस कर्मियों के पुराने रिकार्ड भी खंगाले जा रहे हैं ।

3 किलो अफीम और बरामद हुई, लेकिन रिकॉर्ड नहीं बनाया इसके बाद पुलिस ने अन्य दोनों आरोपियों की भी तलाश शुरू की और उन्हें पकड़े गए आरोपी की निशानदेही पर हिरासत में ले लिया। उनसे जब पूछताछ की तो 3 किलो और अफीम की खुलासा हुआ। पुलिसकर्मियों ने वह अफीम भी जब्त की, लेकिन इसकी कोई FIR दर्ज नहीं हुई।

पुलिस ने केवल 2 किलो अफीम बरामद होने का ही मुकदमा दर्ज किया। इसी बीच किसी व्यक्ति के जरिए आरोपी तस्करों ने SHO अर्शदीप कौर से संपर्क किया और आरोपियों को छोड़ने की एवज में पैसे ऑफर किए। SHO ने ऑफर पर तोलमोल करते हुए 8 लाख रुपए की डिमांड की।

8 लाख में सौदा हुआ, 5 लाख ले लिए आरोपियों ने 5 लाख रुपए इंस्पेक्टर को दे दिए, जिन्हें मुंशियों और SHO ने आपस में बांट लिया। इसके बाद 2 आरोपियों गुरप्रीत और मनप्रीत को छोड़ दिया। DSP रमनदीप के अनुसार, किसी मुखबिर ने इस मामले की जानकारी उन्हें दी। इसके बाद DSP ने मामले की जांच की और तीनों पुलिस वालों पर FIR दर्ज कराई।

DSP ने तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। अब मामले की जांच की जा रही है। साथ ही जो 2 आरोपी गुरप्रीत और मनप्रीत फरार हैं, उन्हें पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। साथ ही आरोपी पुलिसवालों के पिछले रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं।

​​​​​​कोरोना काल में चर्चा में आई थीं अर्शप्रीत कौर SHO अर्शप्रीत कौर कोरोना काल में चर्चा में आई थीं। वह लुधियाना के थाना बस्ती जोधेवाल और डिवीजन नंबर 2 में बतौर SHO काम कर चुकी हैं। कोविड को दौरान भी वह लुधियाना में ही पोस्टेड थीं।

वह कोविड के दौरान लोगों की सेवा में लगी थीं। लोगों को कोविड से लड़ने के लिए प्रेरित कर रही थीं। इस दौरान वह खुद भी कोरोना से इंफेक्टेड हुईं। वह कुछ समय आइसोलेशन में रही और ठीक हो गईं। इस दौरान अर्शप्रीत से खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीडियो कॉल पर बातचीत की थी।

कोरोना काल में चर्चा में आई थीं SHO

बता दें कि SHO अर्शप्रीत कौर कोरोना काल में चर्चा में आई थीं। वह लुधियाना के थाना बस्ती जोधेवाल और डिवीजन नंबर 2 में बतौर SHO काम कर चुकी हैं। कोविड को दौरान भी वह लुधियाना में ही पोस्टेड थीं और कोरोना काल की पंजाब में पहली कोरोना वॉरियर थीं।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन ने वीडियो कॉल पर की थी बात

उन्होंने लोगों को कोविड से लड़ने के लिए प्रेरित किया। लेकिन इस दौरान वह खुद भी कोरोना से इंफैक्टेड हुईं। वह कुछ समय आइसोलेशन में रही और ठीक हो गईं। इस दौरान अर्शप्रीत से खुद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीडियो कॉल पर बातचीत की थी। वह पहली SHO हैं, जिससे किसी मुख्यमंत्री ने इस तरह वीडियो कॉल पर बात की हो।

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