भक्त और भगवान का विशुद्ध मिलन ही रास है: इंद्रेश उपाध्याय
टीम एक्शन इंडिया/ऊना/राजन पुरी
आत्मा परमात्मा का एक रस हो जाना ही रास है। जब भक्त भक्ति की पाराकाष्ठा को पार कर भगवदमय बन जाता है। तब समझना चाहिए कि रास की दिव्य स्थिति बन चुकी है। भगवान से प्रेम होना तो रस है, परंतु जब भगवान भक्त से प्रेम करते हैं, उसी को महारास कहना चाहिए। भक्त और भगवान का विशुद्ध मिलन ही रास हैं। यह बात श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां में श्री जन्माष्टमी पर्व पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान वृंदावन से पहुंचे कथा वाचक इंद्रेश उपाध्याय ने कही। कथा के छठे दिन कथा वाचक इंद्रेश उपाध्याय ने अपने प्रवचनों से सबको निहाल किया। इस दौरान मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं को राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज का ने अपना आशीर्वाद दिया। वहीं वृंदावन से आए पंकज ब्यास व कलाकारों ने श्री कृष्ण की झांकियां निकाली।
कथा को आगे बढ़ाते हुए इंद्रेश उपाध्याय ने कहा कि मनुष्य का परम धर्म भगवान के चरणों में है। सभी लोगों को भगवान को सच्चे मन से याद करना चाहिए। वर्तमान में अधिकांश लोग स्वार्थ के लिए भगवान को पूजने लगे हैं। सच्चे मन से लोग प्रभु की भक्ति नहीं कर रहे हैं। जब उनका कोई काम पूरा नहीं हो रहा है या वह किसी समस्या में फंसे हुए हैं तो वे भगवान को याद कर रहे हैं। काम पूरा हो जाने या समस्या दूर हो जाने की प्रार्थना करते हैं। यह सच्ची भक्ति नहीं है। सच्ची भक्ति तो प्रभु से प्रेम करने में है। श्रेष्ठ भक्त वही है जो प्रभु से प्रेम करता है, स्वार्थ के लिए मांगता नहीं है। जब आप कुछ मांगोगे तो यह जरूरी नहीं कि उसके मिलने से आपका कष्ट दूर हो जायेगा, जबकि बिना मांगे भगवान देंगे तो वे सारी बाधाएं दूर कर देंगे।
आज होगा श्री कृष्ण का जन्म, डिप्टी सीएम होंगे मुख्यातिथि राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज ने बताया कि 7 सितंबर को श्री राधा कृष्ण मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। कथा सुबह 10 बजे शुरू हो जाएगी। वहीं देर रात्रि तक कार्यक्रम चलेगा। उन्होंने बताया कि रात को जन्माष्टमी पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।