राधानाथ शिखर रखा जाए ‘मांउट एवरेस्ट’ का नाम
धर्मशाला। एक्शन इंडिया न्यूज
केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के शाहपुर परिसर में महान गणितज्ञ ‘राधानाथ सिकदर का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान’ विषय पर शुक्रवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी मंे बतौर मुख्य वक्ता विज्ञान भारती हिमाचल प्रदेश के प्रांत अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान हमीरपुर के सह-आचार्य अश्विनी राणा ने राधानाथ सिकदर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने उस समय कठिन परिस्थितियों में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई की पैमाइश की जो अंग्रेजों के लिए भी दुष्कर कार्य था।
जब उन्होंने यह जानकारी अपने उच्च अधिकारी एंड्रयू को दी तो वे इस चोटी का नाम सर जॉन एवरेस्ट के नाम पर रखना चाहते थे जिसे बाद में रखा भी गया। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुःख की बात है कि आज राधानाथ सिकदर को बहुत कम लोग जानते हैं।
लेकिन अब समय आ गया है कि उनके अतुलनीय कार्य को देश का हर व्यक्ति जान पाए। उन्होंने मांउट एवरेस्ट का नाम राधानाथ शिखर किए जाने की मांग भी उठाई।
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर राष्ट्र उन व्यक्तित्वों को स्मरण कर रहा है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर विश्व पटल पर भारत को पहचान दिलाई। ऐसे ही महान व्यक्तित्व में बंगाल के विद्वान गणितज्ञ राधानाथ सिकदर थे जिन्होंने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को भी मापा था। सर्वे ऑफ इंडिया के मुखिया एवरेस्ट ने इसको अपने नाम से नाम्हित करा लिया, अभी भी हम उसे माउंट एवरेस्ट के नाम से ही जानते हैं।