रेलमंत्री ने कराई जांच तो 56 जगह कमजोर मिली रेलपटरी, बिछेगी नई रेललाइन
पाली। टीम एक्शन इंडिया
सूर्यनगरी एक्सप्रेस हादसे से सबक लेकर रेलवे अब जोधपुर मंडल के मारवाड़ जंक्शन से लूणी स्टेशन के बीच रेलमार्ग पर पुरानी पटरी हटाकर नई पटरी बिछाएगा। गत दिनों हुई जांच में रेलमार्ग पर बिछी पटरी 56 जगह पर कमजोर मिली है। दो जनवरी को तड़के तीन बजे बांद्रा टर्मिनस से जोधपुर जा रही सूर्यनगरी एक्सप्रेस ट्रेन के 13 डिब्बे पाली से करीब 20 किमी पहले बोमादड़ा-राजकियावास रेलवे स्टेशन के बीच बेपटरी हो गए। इसमें तीन डिब्बे पलट गए थे। ट्रेन में सवार 26 यात्री घायल हुए थे। इस दौरान रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर पहुंचे और रेलमार्ग पर बिछी पटरी की जांच के आदेश दिए थे। यह जिम्मेदारी कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ( सीआरएस) को सौंपी। इसके बाद रेलखंड की पटरी की अल्ट्रासोनिक फ्लो डिटेक्टर मशीन से जांच की गई। भविष्य में ऐसा रेल हादसा न हो, इसके लिए रेलवे लूणी से मारवाड़ जंक्शन रेलमार्ग पर बिछी पुरानी पटरी को बदलने की तैयारी में जुट गया है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि लूणी से मारवाड़ जंक्शन के मध्य रेलमार्ग पर बिछी पटरियों की गहनता से जांच की गई। कई जगह पटरी कमजोर पाई। प्रथमदृष्टता उन्हें दुरुस्त कर दिया गया है, जिससे ऐसा हादसा दोबारा न हो। अब ज्यादा सख्ती से मॉनिटरिंग की जा रही है। अन्य रेलमार्गों पर पटरियों की मॉनिटरिंग की जा रही है। जांच में सामने आया कि जो पटरी यहां बिछी हुई है। उसके स्लॉट में से करीब 1900 किमी पटरी बिछाई गई है। जो उत्तर पश्चिम रेलवे के अलावा अन्य जोनल रेलवे के रेलमार्गों पर भी बिछी है। उनकी भी जांच की जा रही है।
लूणी से मारवाड़ जंक्शन के बीच अब पूरा ट्रैक नया बिछाया जाएगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अब दुर्घटना की अब संभावना नहीं है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जांच के आदेश दिए थे। उसके बाद यह परिणाम सामने आया है। रेलवे इतिहास में अब तक की सबसे तेज जांच हुई है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की दिलचस्पी का ही परिणाम है कि सूर्यनगरी एक्सप्रेस हादसे की रिपोर्ट महज 15 दिन के भीतर आ गई। अन्यथा रेलवे की रिपोर्ट और वह भी सीआरएस रिपोर्ट आने में कम से कम तीन महीने तो गुजर ही जाते थे।