चैत्र नवरात्रि में मैहर जाने वाले श्रद्धालुओं को रेलवे की बड़ी सौगात, रुकेंगी ये 15 ट्रेनें
मैहर
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है। मैहर में स्थित मां शारदा शक्तिपीठ मंदिर में भी चैत्र नवरात्रि के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यहां प्रति दिन करीब दो लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इसलिए वहां सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम कर लिए गए हैं। रेलवे स्टेशन से लेकर मां के गर्भगृह तक करीब 1 हजार पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही रेलवे प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 15 गाड़ियों का 5 मिनट का अस्थाई ठहराव मैहर स्टेशन पर किया जाएगा। ये 15 जोड़ी ट्रेनें 9 अप्रैल से 23 अप्रैल तक 5-5 मिनट तक मैहर रेलवे स्टेशन पर रुकेंगी और फिर आगे रवाना होंगी। इससे मैहर आने जाने वाले यात्रियों को काफी सुविधा होगी। जिसकी जानकारी सीपीआरओ हर्षित श्रीवास्तव ने दी है।
इन ट्रेनों का ठहराव
11055/11056 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस
11059/11060 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-छपरा -लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस
12669/12670 चेन्नई-छपरा-चेन्नई एक्सप्रेस
19051/19052 वलसाड-मुजफ्फरपुर-वलसाड एक्सप्रेस
11045/11046 श्री छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनस कोल्हापुर-धनबाद-श्री छत्रपति शाहू महाराज टर्मिनस कोल्हापुर एक्सप्रेस
15267/15268 रक्सौल-एलएलटी-रक्सौल एक्सप्रेस
18201/18202 दुर्ग-नवतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस
11037/11038 पुणे-गोरखपुर-पुणे एक्सप्रेस
17610 /17609 पूर्णा-पटना-पूर्णा एक्सप्रेस
22103/22104 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-अयोध्या कैंट-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस
18610/18609 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-रांची-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस
22971/23972 बांद्रा टर्मिनस-पटना-बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस
22131/22132 पुणे-बनारस-पुणे एक्सप्रेस
15647/15648 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गुवाहाटी-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस
19045/19046 सूरत-छपरा-सूरत एक्सप्रेस
यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक
विश्व प्रसिद्ध मां शारदा देवी का मंदिर मध्यप्रदेश के मैहर जिले में है। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। जो विंध्य पर्वत श्रेणी के मध्य त्रिकूट पर्वत पर स्थित है। मान्यता है कि मां शारदा की प्रथम पूजा आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा की गई थी। इसका उल्लेख पुराणों में भी आया है। यहां आने वाले श्रद्धालु मां शारदा देवी के दर्शन के लिए 1063 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर तक पहुंचते हैं। हालांकि, रोप-वे की सुविधा भी उपलब्ध है।