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राजस्थान-अजमेर में गहलोत सरकार की कमजोर बहस, दरगाह के चिश्ती के बरी होने पर उपमहापौर ने जताया आक्रोश

अजमेर.

अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के मुख्य निजाम गेट पर सर तन से जुदा के नारे लगाने वाले मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती सहित अन्य पांच आरोपियों को आज न्यायालय द्वारा बरी किए जाने को लेकर अजमेर नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन ने तत्कालीन गहलोत सरकार के पुलिस महकमे पर निशान साधा।

उन्होंने कहा कि आज "सर तन से जुदा" करने वाले नारे लगाने वाले आरोपियों को बरी कर दिया, जिसके लिए तत्कालीन कांग्रेस की गहलोत सरकार जिम्मेदार है क्योंकि उस समय पुलिस प्रशासन द्वारा चालान पेश करते समय विभिन्न प्रकार की कानूनी खामियां छोड़ी गईं ताकि आरोपियों को इसका सीधा-सीधा लाभ पहुंचे और आज यही हुआ है। उन्होंने कहा कि आईपीसी की खामियों को ढाल बनाकर व अभियोजन पक्ष द्वारा कमजोर पैरवी करने के कारण देश में अलगाववादी ताकतों व आतंकवादी गतिविधियां करने वालों को बढ़ावा मिला है। देश के सौहार्द्र को बिगाड़ने का बढ़ावा देने वाला काम आज के फैसले में हुआ है, जिसके लिए तत्कालीन गहलोत सरकार व उनका पुलिस महकमा, कमजोर अभियोजन पक्ष और आईपीसी की खामियां जिम्मेदार हैं।

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