राजकोट अग्निकांड: गुजरात हाइकोर्ट ने कहा- हमें स्थानीय व्यवस्था पर भरोसा नहीं, आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा कोई वकील
राजकोट/ अहमदाबाद
गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट गेम जोन हादसे पर राज्य सरकार की खिंचाई की है। स्वत: संज्ञान के बाद गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने कहा कि 28 लोगों की मौत हत्या से कम नहीं है। हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें सरकार और उससे जुड़े हुए तंत्र पर बिल्कुल भराेसा नहीं है। गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट अग्निकांड पर 26 मई को स्वत: संज्ञान लिया था और कहा था कि यह मानव निर्मित त्रासदी हैं। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट समेत अन्य नगर निगमों के वकील मौजूद हैं।राजकोट गेमिंग जोन अग्निकांड के आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा कोई वकील, बार एसोसिएशन का फैसला।
तमाम आदेशों के बाद हादसे क्यों?
जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने सुनवाई के दौरान पूछा कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा कि हम पिछले चार सालों में कितने ऑर्डर पास कर चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी क्यों नींद में थे। कोर्ट ने राजकोट के टॉप अधिकारियों के टीआरपी गेम जोन में जाने का मुद्दा भी उठा है। हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रिजेश त्रिवेदी ने कहा कि घटनास्थल को साफ किया जा रहा है। ऐसे में आरोपियों के खिलाफ सबूत कैसे जुटाएंगे। कोर्ट में अभी सुनवाई चल रही है। सभी नगर निगमों के वकील अपना पक्ष रखेंगे। इसके बाद राज्य सरकार के वकील बताएंगे कि सरकार ने क्या कदम उठाएं हैं?
छह अधिकारियों को किया है सस्पेंड
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कल राजकोट गेम जोन दुर्घटना स्थल पर जाकर व्यक्तिगत निरीक्षण किया था। इसके बाद सीएम ने इस गंभीर घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद राज्य सरकार ने 6 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। इसमें पुलिस विभाग के अधिकारी भी हैं। सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। एसआईटी अपनी पहली रिपोर्ट 72 घंटे में देगी। राजकोट पुलिस ने हादसे के लिए जिम्मेदार छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने अभी तीन आरोपियों को अरेस्ट किया है।