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इंदौर में रणजीत हनुमान मंदिर का कायापलट होने जा रही, जाने 7 करोड़ से संवरने के बाद कैसा दिखेगा मंदिर

इंदौर

इंदौर में रणजीत हनुमान मंदिर का कायापलट होने जा रहा है। यहां रणजीत लोक बनाकर मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जाएगा। इस पर कुल 7 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्लान तैयार हो चुका है, टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है।

मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास ने कहा- रणजीत हनुमान मंदिर 135 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां इंदौर ही नहीं, आस-पास के जिलों से भी श्रद्धालु आते हैं। मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की संख्या हजारों में पहुंच जाती है।

मंदिर प्रशासक एनएस राजपूत ने बताया कि रणजीत लोक तैयार होने के बाद श्रद्धालु मंदिर के पास बने बड़े मैदान से प्रवेश करेंगे। वहां से एक पाथ-वे के माध्यम से छोटी पार्किंग तक पहुंचेंगे। पाथ-वे में जिग-जैग पैटर्न पर रेलिंग लगाई जाएंगी। इनकी संख्या भीड़ के अनुसार घटाई या बढ़ाई जा सकेगी।इसके बाद श्रद्धालु दत्त मंदिर से होते हुए दर्शन की मुख्य लाइन में पहुंचेंगे। भगवान के दर्शन कर वहीं से वापस बाहर निकलेंगे।

पाथ-वे की दीवारों पर रामायण और सुंदरकांड की झलक मंदिर प्रशासक राजपूत ने बताया- यहां सभी तरह के मौसम के मुताबिक व्यवस्थाएं जुटाई जाएंगी ताकि सर्दी, गर्मी और बारिश में भक्तों को परेशानी न हो। बैठने के लिए नई बेंच लगेंगी। बाउंड्रीवाल भी बनाई जाएगी।25 फीट का पाथ-वे बनेगा, इसकी दीवारों पर पत्थरों से भगवान हनुमान से जुड़े दृश्य उकेरे जाएंगे। रामायण और सुंदरकांड को तस्वीरों में दर्शाया जाएगा।

छत पर कशीदाकारी, बाउंड्रीवॉल पर रंगबिरंगी रोशनी रणजीत लोक की छत पर भी कशीदाकारी की जाएगी। बाउंड्रीवॉल पर रंगबिरंगी लाइटिंग लगेगी। यहां भी सुंदरकांड का चित्रण होगा। मंदिर का एक्सटेंशन 40 फीट आगे तक होगा। नया मुख्य द्वार बनेगा। शेड तैयार किए जाएंगे।मंदिर परिसर में ही पुलिस चौकी बनाई जाएगी। नया जूता स्टैंड, पेय जल की व्यवस्था की जाएगी। बेबी फीडिंग रूम और बुजुर्गों के लिए अन्य सुविधाएं जुटाई जाएंगी।

भक्त पाथ-वे के जरिए दर्शन करने जाएंगे। यहां एलईडी पर भगवान के लाइव दर्शन होंगे।स्मार्ट सिटी संभाल रहा निर्माण की जिम्मेदारी मंदिर प्रशासक राजपूत ने बताया- रणजीत लोक निर्माण की जिम्मेदारी नोडल एजेंसी इंदौर स्मार्ट सिटी को दी गई है। इसके लिए मंदिर के फंड और दान की राशि का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते इसका काम शुरू किया जा चुका है।

पांचवीं पीढ़ी संभाल रही पूजा-अर्चना का काम वर्तमान पुजारी पं. दीपेश व्यास के परदादा स्व. पं. भोलाराम व्यास इस मंदिर के संस्थापक पुजारी थे। उनकी पांचवीं पीढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना कर रही है। व्यास ने कहा- शुरुआत में बाबा रणजीत टीन से बने शेड में विराजमान थे। 1960 में गार्डर-फर्शी से पक्का निर्माण किया गया। 1992 में आरसीसी छत डाली गई।

व्यास के अनुसार, होलकर राजा जब भी युद्ध के लिए जाते थे तो यहां पूजा-हवन करते थे। विजय की कामना के साथ यहां आते और फिर युद्ध के लिए जाते थे इसलिए मंदिर का नाम रणजीत हनुमान पड़ा।

उन्होंने कहा- पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर यहां रणजीत अष्टमी मनाई जाती है। सुबह 5 बजे प्रभात फेरी निकाली जाती है। दिनभर पूजा-अर्चना और विशेष आरती की जाती है। 21 लाख रुपए के रथ पर सवार होकर रणजीत हनुमान नगर भ्रमण करते हैं।
महाकाल लोक के बाद अब मध्यप्रदेश में हनुमान लोक नजर आएगा। इसका निर्माण सौंसर के जाम सांवली में होगा। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड 314 करोड़ की लागत से करीब 30 एकड़ में इसका निर्माण करवा रहा है। उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर 6 फेज में हनुमान लोक कॉरिडोर का काम होगा। फर्स्ट फेज में 35 करोड़ की लागत से एंट्रेंस प्लाजा से हनुमान लोक तक का काम किया जाएगा।

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