दिल्ली

2000 के नोट को बदलने से जुड़ी याचिका का आरबीआई ने किया विरोध

टीम एक्शन इंडिया/नई दिल्ली
बिना फार्म और पहचान प्रमाण के दो हजार रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ दायर जनहित याचिका का भारतीय रिजर्व बैंक ने दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध किया। आरबीआई की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिका को भारी जुर्माना लगाते हुए खारिज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने तमाम निर्णयों में कहा है कि अदालतों को नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
आरबीआई की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अदालत उचित निर्णय पारित करेगी। वहीं, याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर कहा कि आरबीआई व भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) द्वारा जारी अधिसूचनाएं मनमाना, तर्कहीन होने के साथ ही संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन करती हैं।
याचिका में यह भी कहा कि बड़ी मात्रा में दो हजार की नोट या तो लोगों की तिजोरी पहुंच गई है या फिर अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, ड्रग तस्करों, खनन माफियाओं और भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा की गई हैं।
सितंबर के बाद भी वैध बने रहेंगे 2,000 के नोट: आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास के बयान के बाद भी 2,000 रुपये के नोटों का भविष्य 30 सितंबर के बाद क्या होगा, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। एक तरफ तो उन्होंने कहा है कि 30 सितंबर के बाद इन नोटों की वैधानिकता जारी रहेगी, वहीं यह भी कहा है कि 30 सितंबर तक क्या स्थिति रहती है, उसको ध्यान में रखकर आगे फैसला किया जाएगा। उन्होंने इस बात का विकल्प खुला रखा है कि निर्धारित अवधि (30 सितंबर) के बाद भी 2,000 रुपये के नोटों को लौटाने की अवधि बढ़ाई जा सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button