राजनीतिक

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस मामले में एसआईटी की जांच होनी चाहिए

नई दिल्ली  
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस मामले में एसआईटी की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक यह जांच पूरी हो, तब तक के लिए भाजपा के बैंक खाते के लेनदेन पर रोक लगा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनावी बॉन्ड से कई हजार करोड़ रुपये की रकम जुटा ली। कांग्रेस को तो चंदा मिला था, लेकिन हमारे बैंक खाते के लेनदेन पर रोक लगा दी गई। उन्होंने कहा कि यदि विपक्षी पार्टी के बैंक खाते के लेनदेन पर रोक लगी हो तो हम चुनाव कैसे लड़ेंगे, समान अवसर कहां है। इस तरह के चुनाव में हमारे लिए समान अवसर की स्थिति नहीं है।

उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा', अब यह उजागर हो गया है कि भाजपा ने चुनावी बॉन्ड से पैसा बनाया। इससे पहले भी मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि कांग्रेस के पास तो चुनाव लड़ने के लिए भी फंड नहीं है। उन्होंने कहा था, 'कांग्रस के पास लोगों द्वारा दिया गया चंदा जिन बैंक खातों में जमा किया गया था, उन पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है तथा आयकर विभाग ने पार्टी पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया है।' खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए लोगों का आह्वान किया कि वे देश में संविधान और लोकतंत्र को 'बचाने' के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में एक साथ मजबूती से खड़े हों और कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करें।

खरगे ने चुनाव में समान अवसर की आवश्यकता पर जोर दिया और आरोप लगाया कि भाजपा ने आयकर विभाग का सहारा लेकर कांग्रेस के खातों पर रोक लगवाई और जुर्माना लगवाया है। उन्होंने दावा किया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद भाजपा चुनावी बॉण्ड के माध्यम से मिले हजारों करोड़ रुपये का खुलासा करने के लिए तैयार नहीं हैं। कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था, ‘यह हमारी पार्टी का पैसा था जो आप लोगों ने चंदे के रूप में दिया था, उन्होंने इसे फ्रीज कर दिया है और हमारे पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं… जबकि, वे (भाजपा) चुनावी बॉन्ड के बारे में खुलासा नहीं कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कि उनकी चोरी और गलत काम सामने आ जाएंगे।

खरगे ने गुजरात में एक क्रिकेट स्टेडियम का नाम प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर रखे जाने का उल्लेख करते हुए भी कटाक्ष किया था। खरगे ने कहा था, ‘आप अभी जीवित हैं, ऐसे नामकरण किसी के निधन के बाद किए जाते हैं। जब कोई व्यक्ति जीवित होता है, तो उसके स्मारक नहीं बनाए जाते हैं। यह काम उसके चाहने वाले बाद में करते हैं।’

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/ metro.jrs.or.id sim.kotaprabumulih.go.id web.sip.pn-kotaagung.go.id