अन्य राज्यमध्य प्रदेश

सॉलिडरीडाड संस्था के सहयोग से भारद्वाज हर्ब्स एण्ड आयुर्वेदा द्वारा निर्मित औषधीय उत्पादों का विमोचन

भोपाल  
 विदिशा जिले के गाँव पाली में रहने वाले एक छोटे किसान लखन पाठक द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक औषधियों का सॉलिडरीडाड संस्था के सहयोग से भोपाल में विमोचन किया गया। लखन पाठक द्वारा भारद्वाज हर्ब्स एण्ड आयुर्वेदा नामक कंपनी की स्थापना कर इन आयुर्वेदिक औषधियों का निर्माण किया जा रहा है। एक छोटे किसान से आयुर्वेदिक औषधीय उत्पादक बनने में सॉलिडरीडाड संस्था का बहुत बड़ा योगदान रहा है। सॉलिडरीडाड द्वारा संचालित मेडिसिनल एंड एरोमैटिक कार्यक्रम के तहत लखन पाठक को औषधीय फसल की खेती करने का तकनीकी ज्ञान दिया गया। संस्था द्वारा ग्राम पाली में मेडिसिनल फसल की प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की गई है जिससे लखन पाठक जैसे किसानों को मेडिसिनल फसल को प्रोसेस कर मार्केट में बेचने का अवसर भी प्राप्त हुआ है।

सॉलिडरीडाड द्वारा लखन पाठक को आयुष विभाग से लाइसेन्स प्राप्त करने एवं अपने उत्पादों के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (QCI) से प्रमाणीकरण प्राप्त करने में भी सहयोग किया गया है। लखन पाठक द्वारा स्थापित भारद्वाज हर्ब्स एण्ड आयुर्वेदा कंपनी द्वारा शुरुवात में अर्शमुक्ति चूर्ण, महाबली चूर्ण, तरुणी चूर्ण, जोड़ पुष्टि सत्व एवं सहचरादि तेल का उत्पादन किया जा रहा है, जो कई प्रकार के रोगों को ठीक करने में करगार है।

औषधीय उत्पादों के विमोचन के दौरान श्री लखन पाठक द्वारा बताया गया कि- इस सफर की शुरुवात 2014 में 02 हेक्टेयर जमीन में अश्वगंधा एवं अन्य जड़ी-बूटियों की जैविक खेती से हुई। 2019 में सॉलिडरीडाड संस्था ने इस काम को गति दी और हमे औषधीय फसलों की खेती का तकनीकी ज्ञान दिया। जिसकी सफलता से प्रेरित होकर गाँव एवं आसपास के क्षेत्र के किसानों ने भी औषधीय फसलों की खेती प्रारंभ कर दी जिससे क्षेत्र में औषधीय खेती का स्वास्थ्य वातावरण बना। वर्तमान में विदिशा जिले के ही 500 से अधिक किसान लगभग चार सौ हेकटेयर क्षेत्र में अश्वगंधा, कलोंजी, अकरहरा आदि की खेती कर रहे हैं।

सॉलिडरीडाड संस्था के महाप्रबंधक डॉ सुरेश मोटवानी ने बताया कि – लखन पाठक उन समस्त छोटे किसानों के लिए प्रेरणा हैं जो पारंपरिक खेती से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं। भारत की जलवायु औषधीय फसलों के उत्पादन के लिए सर्वोत्तम है। किन्तु पर्याप्त तकनीकी सहयोग एवं ज्ञान नहीं मिलने के कारण यहाँ के किसान इस अवसर का लाभ नहीं उठा पाते। हमने मेडिसिनल एंड एरोमैटिक कार्यक्रम के माध्यम से छोटे किसानों तक पहुचने का प्रयास किया है ताकि वह औषधीय खेती कर छोटी जमीन से बड़ा लाभ प्राप्त कर सकें।

कार्यक्रम में कृषक जागृति मंच किसान संगठन से जुड़े हुए किसानों द्वारा भी प्रतिभागिता की गई। इन किसानों द्वारा भी औषधीय फसलों का उत्पादन किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/ metro.jrs.or.id sim.kotaprabumulih.go.id web.sip.pn-kotaagung.go.id web.unras.ac.id