गणतंत्र दिवस: तिरंगे का करते थे विरोध और लाल सलाम के लगाते थे नारे, अब दे रहे सलामी; पढ़िए नक्सलियों की कहानी
कबीरधाम/सुकमा.
कबीरधाम जिले में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर एसपी कार्यालय में एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के साथ छह आत्मसमर्पित नक्सलियों ने ध्वजारोहण किया। खास बात ये रही कि जो नक्सली कभी तिरंगे का विरोध करते थे, वो भी अब सरेंडर के बाद उसे सलामी देते नजर आए।
गौरतलब है कि ईनामी नक्सली दिवाकर (10 लाख), मिला लक्ष्मी (आठ लाख), करन हेमला (10 लाख), अनिता (आठ लाख), तिजू (दो लाख) और वनोजा (दो लाख) ने एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के साथ ध्वजरोहण किया। एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि आजादी के पर्व के दिन नक्सली अंदरूनी क्षेत्रों में काला झंडा फहराकर विरोध प्रदर्शित करते थे। जिले में शासन-प्रशासन की विश्वास विकास सुरक्षा की नीति के चलते ग्रामीण नक्सलवाद से दूर हैं। ग्रामीण समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। इसके साथ ही स्थानीय नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। झंडा फहराते देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नक्सलगढ़ में लाल आतंक की जड़ें कमजोर हो रही हैं। एसपी डॉ. पल्लव ने बताया कि जो नक्सली संगठन में शामिल हुए थे। वे शासन द्वारा चलाये जा रहे नक्सल पुनर्वास नीति तहत आत्मसमर्पण कर योजनाओं का लाभ लेते हुए सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
सुकमा के अति संवेदनशील इलाकों में फहराया तिरंगा
सुकमा जिले के अति संवेदनशील इलाकों में कभी लाल सलाम के नारे गूंजते थे। वहां कई दशकों के बाद तिरंगा फहराते देख ग्रामीण भावुक हो गए। ग्रामीणों का कहना था कि कभी सोचा भी नहीं था कि कभी ऐसा दिन भी देखने को मिलेगा, जब हमारे ग्रामीण इलाकों में शान से तिरंगा लहराया जाएगा। ग्रामीणों ने तिरंगा फहराने के बाद भारत मां के जयकारे भी लगाए। बताया जा रहा है कि सुकमा जिले के अति नक्सल प्रभावित गांव सालातोंग, दुलेड़, परिया एवं मूलेर में गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई दशकों बाद तिरंगा फहराया गया। हाल ही में नक्सलियों के पीएलजीए बटालियन नंबर-1 कोर क्षेत्र में नवीन कैंप सालातोंग, दुलेड़, मुकराजकोंडा, परिया एवं मूलेर में नया नवीन सुरक्षा कैंप स्थापित किया गया था। कैंपों में तैनात सुरक्षाबलों द्वारा ग्रामीणों के साथ हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया। ग्रामीणों ने कहा कि इन जगहों में जहां कभी नक्सलवाद जिंदाबाद के नारे लगते थे। वहां पर आज भारत माता की जय के नारे से ग्रामीण इलाका गूंज उठा। नवीन कैंपों की स्थापित होने से नक्सलवाद उल्मूलन के साथ-साथ क्षेत्र के विकास कार्यो में तेजी आयी है।