
‘शोध का प्रकाशन कुरुक्षेत्र विवि के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता’
टीम एक्शन इण्डिया/ कुरुक्षेत्र (दलबीर मलिक)
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी रिसर्च जर्नल आॅफ आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज के दो खंडों, खंड 55, 2 और 56, 1 अंक का विमोचन किया। यह प्रतिष्ठित द्विवार्षिक पत्रिका 1967 से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित की जा रही है और यह पत्रिका बहु-विषयक, बहुभाषी है, जो अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत और पंजाबी में विभिन्न पहलुओं से संबंधित मूल पत्रों को स्वीकार करती है। इस मौके पर कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि शोध का प्रकाशन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह पत्रिका शोध सम्बंधी महत्वपूर्ण जानकारी और गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान साझा करने में एक आवश्यक भूमिका निभाती है। चूँकि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी रिसर्च जर्नल एक बहुभाषी पत्रिका है, यह आसानी से आम जनता के लिए बहु-विषयक शोध ले सकती है, जो विशेष रूप से भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण जानकारी को साझा करने में महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अनेक विषयों पर शोध पत्रिकाएँ प्रकाशित कर रहा है। पत्रिका के प्रधान संपादक प्रो. दिनेश कुमार गुप्ता और उनकी टीम को कुलपति द्वारा पत्रिका के नियमित और गुणवत्तापूर्ण प्रकाशन के साथ-साथ पत्रिका के समय पर प्रकाशन के निरंतर प्रयासों के लिए सराहना और बधाई दी। कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने पत्रिका के अंक प्रकाशित करने और पत्रिका के प्रकाशन में मानक बनाए रखने के लिए प्रधान संपादक के प्रयासों की सराहना की। प्रो. दिनेश के. गुप्ता ने बताया कि पत्रिका को विभिन्न इंडेक्सिंग जर्नलों में इंडेक्स्ड और यूजीसी-सूचीबद्ध जर्नलों के अंतर्गत लाने का प्रयास किया जा रहा है। जर्नल को अब पूरे हरियाणा में 75 से अधिक संस्थानों द्वारा सब्सक्राइब किया गया है और शोध पत्र प्रकाशन के लिए हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और कई अन्य राज्यों से प्राप्त होते हैं, जो एकेडमिक क्षेत्र के लिए इसकी उपयोगिता को दशार्ता है।