लोकसभा 2024 से पहले नागपुर में होगा आरएसएस का चुनाव
लखनऊ
अगले साल लोकसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के जोर आजमाइस करने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चुनावी दंगल में उतर गया है।
संघ का यह चुनाव सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि संगठन के लिए होगा। लोकसभा चुनाव की तरह देश का प्रत्येक मतदाता तो इस चुनाव में शामिल नहीं होगा, लेकिन पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाते हुए भारत के कोने-कोने का प्रतिनिधित्व इसमें शामिल होंगे। संघ का यह चुनाव जिला स्तर से शुरू होकर केन्द्रीय स्तर पर सम्पन्न होगा। मई 2024 में देश की अगली सरकार बनने से पहले मार्च तक आरएसएस के सरकार्यवाह का चुनाव सम्पन्न हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मार्च, 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का संगठनात्मक चुनाव होगा। अभी से चुनावी प्रक्रियाएं शुरू हो गई हैं। आरएसएस में सर्वोच्च पदाधिकारी 'सरकार्यवाह' होता है। संघ के सरकार्यवाह का चुनाव हर तीन वर्ष पर होता है। मार्च 2024 में नागपुर के रेशमबाग में प्रस्तावित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा में 'सरकार्यवाह' का चुनाव होगा। वर्तमान सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले हैं। नागपुर की बैठक में स्वयंसेवकों के मतदान के बाद अगले तीन वर्ष के लिए नए सरकार्यवाह का चयन होगा।
संघ सूत्रों ने बताया कि सरकार्यवाह के चुनाव के बाद निर्वाचित सरकार्यवाह अपनी नई टीम की घोषणा करते हैं। इसके बाद सभी प्रान्तों के प्रान्त संघचालक अपने-अपने प्रान्त कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की घोषणा करते हैं। इसलिए जब देश में लोकसभा चुनाव प्रचार चरम पर होगा, ऐसे समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में संगठनात्मक चुनाव संपन्न होंगे।
दिसम्बर में संपन्न हो जायेंगे विभागों व प्रान्तों के चुनाव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में जिला संघचालक,विभाग संघचालक व प्रान्त संघचालक के चुनाव संवैधानिक तरीके से होते हैं। इन पदाधिकारियों का चयन मतदाता संख्या और बतौर वोटिंग के बाद होता है। इसलिए जिला,विभाग व प्रान्त संघचालक के चुनाव दिसम्बर 2023 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। इस संबंध में प्रान्त व क्षेत्रस्तर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बैठकें शुरू हो गयी हैं।
क्या है संघ में चुनावी गणित
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में 50 सक्रिय स्वयंसेवकों पर एक प्रान्तीय प्रतिनिधि का चयन होता है। जबकि 20 प्रान्तीय प्रतिनिधि मिलकर एक अखिल भारतीय प्रतिनिधि का चयन करते हैं। प्रान्तीय प्रतिनिधि प्रान्त संघचालक का चुनाव करते हैं। अखिल भारतीय प्रतिनिधि 'सरकार्यवाह' का चुनाव करते हैं। अगर किसी प्रान्त में प्रान्त संघचालक के नाम पर सर्वसम्मति नहीं बन पाती तो मतदान कराया जाता है। वैसे संघ में मतदान की नौबत कम ही आती है।
जिले से लेकर राष्ट्रीय टीम में होगा बदलाव
आरएसएस के चुनावी वर्ष-2024 में जिला से लेकर विभाग, प्रान्त, क्षेत्र और अखिल भारतीय टीम में बदलाव होगा। प्रतिनिधि सभा में अखिल भारतीय टीम की घोषणा की जाती है। दत्तात्रेय होसबाले जब 2021 में सरकार्यवाह बने थे, तब कोविड का समय चल रहा था इसलिए उन्होंने प्रान्तों व क्षेत्रों में बहुत बदलाव नहीं किया गया था। इस बार प्रान्त व क्षेत्र स्तर पर बड़े बदलाव होने की संभावना है। अधिकांश प्रान्तों में नये प्रान्त संघचालक बनेंगे। वहीं जिला,विभाग व प्रान्त की टीम भी पुनर्गठित होगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के प्रचार प्रमुख डा.अशोक दुबे ने बताया कि यह चुनावी वर्ष है। मार्च 2024 में नागपुर में प्रतिनिधि सभा की बैठक होगी। प्रतिनिधि सभा में ही सरकार्यवाह का चुनाव होगा।