
एस. ए. जैन कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित
टीम एक्शन इंडिया/अम्बाला (मनीष कुमार)
आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृखंला में सूचना, जन सम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के तत्वावधान में एस.ए. जैन कालेज अम्बाला शहर मे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विधायक असीम गोयल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। यहां पहुंचने पर कॉलेज अध्यक्ष राजेन्द्र जैन, कॉलेज प्राचार्या डा0 आभा बंसल व डीआईपीआरओ धर्मेन्द्र कुमार ने मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ देकर उनका अभिनंदन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि ने मां सरस्वती के समक्ष दीपशिखा प्रज्वलित करके किया। विधायक ने आजादी के अमृत महोत्सव के काल में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा हर विधा व हर क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से देश की आजादी के 75वें साल को मनाने का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज सूचना, जन सम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है उसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलना गर्व की बात है। जी-20 की अध्यक्षता में 20 देशों की मेजबानी का अवसर मिला है। भारत को यह गौरव मिलना बेहद सराहनीय है। इसके तहत यहां पर भ्रमण करते हुए भारत के रहन-सहन, उसकी कला, संस्कृति को देखने का भी अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। आज भारत का रूतबा एवं गौरव विदेशों में बढ़ा है। भारत हर क्षेत्र में आज आगे बढ़ रहा है। उन्होंने संगीत के इस मंच से विद्यार्थियों को कहा कि इस धरती पर सबसे अनमोल जल क्या है, उस बारे बताते हुए कहा कि जिस प्रकार एक मां अपने घर में सभी सदस्यों का ध्यान रखते हुए कार्य करती है और रसोई में कार्य करते हुए माथे से उसका जो पसीना बहता है वह धरती का अनमोल जल है, उसी प्रकार यहां पर आज पदम विभूषण से अंलकृत सुभाष घोष व उनकी टीम में शामिल कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए जो पसीना बहाया है वह भी एक अनमोल जल है।
न्होने सभी कलाकारों की प्रस्तुति को बेहद सराहनीय बताते हुए उन्हें नमन भी किया।
इस मौके पर पदम विभूषण से अंलकृत एवं संगीत के नए वाद्यय यंत्र नव स्वर रागनी की खोज करने वाले अंतर्राष्टद्द्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार सुभाष चंद्र घोष ने अपने वाद्य यंत्र नव स्वर रागनी के माध्यम से बजाई स्वर लहरियों से सांस्कृतिक कार्यक्रम के हर क्षण को यादगार बना दिया। उन्होने सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम से किया गया। इसके साथ-साथ उन्होंने वाद्यय यंत्र नव स्वर रागनी व ताल के साथ पंजाबी गीत मेरे रसके कर्म व राग बसंत पर बेहतर प्रस्तुति दी। शास्त्रीय संगीत बारे भी उन्होंने विभिन्न प्रस्तुतियां पेश की। सबको संगीत की लहरियों के साथ बाधने का काम किया। इस संगीत की प्रस्तुति को सुनकर सैंकडों विद्यार्थियों ने खड़े होकर कलाकारों का अभिवादन किया।