जींद: गांवों के स्वागत द्वार पर सरपंच भाजपा-जजपा बहिष्कार के लगाएंगे बैनर
जींद: सरकार द्वारा लागू की गई ई-टेंडरिंग व्यवस्था और सरपंचों पर राइट-टू-रिकाल के विरोध में प्रदेशभर के सरपंचों ने मंगलवार (Tuesday) को जींद में रैली की. इस रैली में सरपंचों ने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर 10 दिन में सरपंचों की मांगें नहीं मानी गईं तो जेजेपी-बीजेपी का बहिष्कार करते हुए गांवों के स्वागत द्वार पर बहिष्कार का बैनर लगा देंगे. इसके अलावा 20 जून को सभी सांसदों के आवास का घेराव करेंगे. गांवों के सरकार का पोल खोल अभियान भी चलाने का ऐलान किया गया.
सरपंच एसोसिएशन हरियाणा के राज्य प्रधान रणबीर समैण ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में पंचायत मंत्री को जिस भी पार्टी ने टिकट दी, उसका पूरे हरियाणा में विरोध किया जाएगा. समैण ने कहा कि सरकार तानाशाही पर उतर आई है, लेकिन सरपंचों ने भी अब लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयारी कर ली है. सरपंच वोट की चोट से सरकार को सबक सिखाएंगे. सरकार सरपंचों को कमजोर समझने की गलती न करे. उन्होंने कहा कि सरकार पहले किसानों को पीटती है, फिर जवानों को और अब पहलवानों को. सरकार ने सरपंचों को भी नहीं बख्शा.
राज्य प्रधान ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार पंचायती राज एक्ट को खत्म करके तानाशाही लाना चाहती है. जब पंचायतों का अधिकार दो साल तक सरकार के पास था, इन्होंने पंचायती के खाते खाली कर दिए और करप्शन को बढ़ावा दिया. सरकार के नए कानून पंचायतों के अधिकार को खत्म कर देंगे, जिसके बाद गांव देहात खत्म हो जाएगा. जींद में सरपंच एसोएिशन के अनूप कंडेला, रिषिपाल हैबतपुर, अनिल मांडोखेड़ी, कुलदीप पिंडारा समेत दूसरे सरपंचों बताया कि इस रैली को कंडेला खाप, माजरा खाप, गिल खाप, बिन्नैन खाप, खटकड़ खाप समेत कई खापों के नेताओं ने रैली को समर्थन दिया है.