ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा SGPC ने किया रद्द, अभी सेवाओं की बहुत जरुरत- धामी
अमृतसर
SGPC ने तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा दिया इस्तीफा रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि हरप्रीत सिंह की सेवाओं की बहुत जरूरत है। वह ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा रद्द करते है। उन्होंने हरप्रीत सिंह से अनुरोध किया गया कि वह उनका नेतृत्व करते रहें।
एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कई वर्षों से एस.जी.पी.सी. सिख मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती आ रही है। वहीं एस.जी.पी.सी. सभी तख्त साहिबानों के जत्थेदारों का दिल से सम्मान करती है। उनका कहना है कि सिखों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है और सभी को मिल कर एस.जी.पी.सी. को बचाना होगा।
एसजीपीसी ने की प्रेस कांफ्रेंस
एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने आज प्रेस कान्फ्रेंस की और उसमें कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं की अभी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को बहुत जरुरत है। वह अलग अलग पदों के लिए सलाह भी करते हैं और उनकी अगुवाई भी करते हैं। इसीलिए वह उनके अपील करते हैं कि जैसे पांच सिंह साहिबान अगुवाई करते हैं वैसे आपको भी करनी है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में जो भी श्री अकाल तख्त साहिब आता है तो एक चिट्ठी पकड़ा जाता है और फिर खुद ही इसका अपने तरीके से व्याख्यान कर जाते हैं। खुद ही कंप्लेंटेंट और खुद ही जज बन जाते हैं। लोग पंथ के पास आकर सियासी रोटियां सेक रहे हैं। इसीलिए पंथ के ओहदेदारों से अपील है कि वह सार्थक रोल अदा करें।
हरजिंदर सिंह ने बताया कि कल रात को भी फोन कर ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बता दिया गया था कि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाना है। उनकी सेवाएं बहुमूल्य हैं। उन्होंने कहा कि बतौर पोलिटिशन बोलते रहो, लेकिन तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सत्कार योग्य हैं, तो कोई भी बात करनी है तो फिर पब्लिकली ना की जाए।
उन्होंने कहा कि सिंह साहिब के आदेशों के अनुसार, अंदर रहकर बात की जाए और पब्लिकी ना की जाए। क्योंकि पब्लिक तक बात जाती है तो वह भयंकर रुप धारण कर लेती है। । उन्होंने कहा कि जत्थेदार कौम की अगुवाई करते हैं। बड़ी सेवाओं को मुख्य रखते हुए अगुवाई करने वाले सारे सम्मानीय है और इनकी मर्यादा भी है।
उन्होंने अंत में कहा कि ववह सीधे तौर पर कहना चाहते हैं कि वह विश्वास दिलवाते हैं कि वह ज्ञानी हरप्रीत सिंह के साथ हैं और उन्हें अगुवाई करते रहने के लिए अपील करते हैं।
भावुक हो गए थे हरप्रीत सिंह
आपको बता दें कि, ज्ञानी हरप्रीत सिंह बेहद भावुक होकर कहा था कि कि बीते दिन विरसा सिंह वल्टोहा के खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से आदेश दिए गए थे। लेकिन उसके बाद भी लगातार हर घंटे उन्हें धमकियां दी जा रही हैं और उसके परिवार को नंगा करने के बारे में कहा जा रहा है और उनकी बेटियों के बारे में भी बोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह विरसा सिंह वल्टोहा से डरने वाले नहीं है लेकिन विरसा सिंह वल्टोहा का साथ शिरोमणि अकाली दल का सोशल मीडिया विंग कर रहा है और अकाली दल के नए लीडर कर रहे हैं जिनका पंथक परम्पराओं से कोई लेना देना नहीं हो वह उनका साथ दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विरसा वल्टोहा से वो डरने वाले नहीं है लेकिन अकाली दल के थर्ड क्लास नेताओं का उसका साथ देना उन्हें बेहद दुखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह बेटियों के पिता भी हैं, इसीलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एसजीपीसी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने उनका साथ दिया, वह सोच भी नहीं सकते थे कि विरसा सिंह वल्टोहा इतना ज्यादा गिर जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के एजेंट होने का आरोप लगाने की जो कोशिश उनकी असफल रही उसके बाद अब वह घटिया हरकतों पर उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि वह पंथ के लोगों को जानकारी देना चाहते थे और अपनी संस्था का हमेशा सम्मान करते रहे हैं और करते रहेंगे।
अकाल तख्त ने दिए थे इस्तीफा नामंजूर करने के आदेश
इसके बाद कल देर शाम ही श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने एसजीपीसी को आदेश दिए थे कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा नामंजूर कर दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर उनका इस्तीफा मंजूर किया गया तो पांचों सिंह साहिबान इस्तीफा देने के लिए मजबूर होंगे।
गौरतलब है कि तख्त श्री दमदमा साहिब से ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने जत्थेदार के पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर लगातार विरसा सिंह वल्टोहा द्वारा सवार उठाए जा रहे थे। इसके बाद ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भावुक होते हुए बयान दिया और वीडियो जारी कर अपना इस्तीफा देने की पुष्टि की। उन्होंने विरसा सिंह वल्टोहा द्वारा निचले स्तर की बयानबाजी को अपने इस्तीफे का कारण बताया। इसके साथ ही कहा कि वल्टोहा द्वारा उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। यहां तक की उनके परिवार को धमकियां मिल रही हैं।