गर्मियों में शरीर को ठंडा और पोषण युक्त रखने के लिए शरबत
भारत में गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पहली बार दिल्ली का पारा 52 डिग्री सेल्सियस से पार पहुंच गया है। सूरज आसमान से आग उगल रहा है और नीचे धरती तप रही है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। घर भी इतने गर्म हो रहे हैं कि अंदर भी नहीं बैठा जा रहा है। एसी और कूलर ने काम करना बंद कर दिया है।
पसीने और चुभन वाली गर्मी में लू लगने के मामले बढ़ रहे हैं। लू लगने से आपको सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ, उल्टी आना, शरीर में तेज दर्द होना, त्वचा का सूखना, गर्म होना या लाल होना, तेज बुखार, लूज मोशन, मांसपेशियों में ऐंठन आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं।
गर्मी से बचेने के लिए क्या करें? न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, शरीर में पानी की कमी और लू से बचने के लिए आपको अपने शरीर को ठंडा रखने की जरूरत है। इसके लिए नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, तरबूज का जूस, लस्सी, बेल शरबत सहित कई पेय पदार्थ पीने चाहिए।
सत्तू शरबत गर्मियों का नायाब तोहफा
गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के सबसे बढ़िया उपायों में एक सत्तू का शरबत भी है। सत्तू का यूपी और बिहार में खूब सेवन किया जाता है। अगर आप नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, तरबूज का जूस, लस्सी, बेल शरबत से हटकर कुछ हेल्दी और ठंडा पीना चाहते हैं, तो यह आपके लिए परफेक्ट है।
सत्तू का शरबत क्या है?
सत्तू का शरबत एक लोकप्रिय भारतीय पेय है जो गर्मियों के दिनों में बहुत पसंद किया जाता है। यह बनाने में आसान, स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। सत्तू को चने की दाल को भूनकर और पीसकर बनाया जाता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कैल्शियम और विटामिन।
पाचन क्रिया में सुधार करता है
सत्तू में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। यह कब्ज और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में भी मददगार होता है।
शरीर को ठंडा रखता है
सत्तू का शरबत शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है, जो इसे गर्मियों के लिए एक आदर्श पेय बनाता है। यह शरीर में पानी की कमी को रोकने में भी मदद करता है।
वजन घटाने में सहायक
सत्तू में कैलोरी और वसा कम होती है, लेकिन प्रोटीन और फाइबर अधिक होता है। यह आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
बीपी और ब्लड शुगर को करता है कम
इसमें मैग्नीशियम होता है, जो बीपी को कम करने में मदद करता है। सत्तू में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका अर्थ है कि यह रक्त शर्करा के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाता है। यह डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इनके अलावा यह हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
सत्तू का शरबत बनाने का तरीका
1 कप सत्तू
2-3 गिलास पानी
स्वादानुसार नमक
नींबू का रस (वैकल्पिक)
जीरा पाउडर (वैकल्पिक)
हरी मिर्च (वैकल्पिक)
बनाने की विधि
एक बर्तन में सत्तू और पानी डालकर अच्छी तरह मिला लें।
इसमें स्वादानुसार नमक, नींबू का रस, जीरा पाउडर और हरी मिर्च डालें।
सभी सामग्री को अच्छी तरह मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बना लें।
अब इसमें धीरे-धीरे पानी मिलाते हुए पतला शरबत बना लें।
आप इसे ठंडा या गर्म परोस सकते हैं।