हिमाचल प्रदेश

कसौली का सिहारड़ी गांव जहां लोगों ने अपनी आंखों से देखें अपने टूटते हुए आशियाने

टीम एक्शन इंडिया/ सोलन/ मनीष
हिमाचल प्रदेश में इस बार की बारिश ने अपना कहर दिखाया है करोड़ो का नुकसान हिमाचल में इस बार हुआ है, हजारों लोगो ने अपने आशियाने इस तबाही के मंजर में खोए है। ऐसा ही एक मामला जिला सोलन के कसौली विधानसभा क्षेत्र के सिहारड़ी गांव में देखने को मिला है जहां पर जुलाई अगस्त माह में हुई बारिश से करीब 8-9 मकान का नामोनिशान ही मिट गया, आज लोग दूसरों के घरों में रहने को मजबूर है सहायता के नाम पर प्रशासन से अभी तक सिर्फ एक लाख 30 हजार मिले और कुछ राशन का सामान। हालांकि सरकार के कई लोग चाहे विधानसभा कसौली के विधायक, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी या फि र पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह यह सभी इस गांव का दौरा कर चुके है लेकिन अभी तक लोग जो उम्मीद सरकार से लगाये है वो पूरा नही हो पाई है।

घरों के साथ साथ लोगों की करीब 8 से 10 बीघा जमीन आज मलबा बनकर रह गई है। लोगों का कहना है कि सरकार उनकी जमींदोज हुई जमीन को अपने पास रख लें और उतनी ही जमीन उन्हें कहीं और दे दे ताकि वे फि र से अपने आशियाने बसा सकें। हैरत की बात यह है कि जब सिहारड़ी में लोगों के आशियाने टूटे तो वो मंजर वहां के लोगो ने अपनी आंखों से खुद देखा, कहर तो तब उस परिवार पर टूटा तब राजकुमार के घर मे उसके बुजुर्ग पिता बीमार थे और वो अपनी आंखों से अपने आशियाने को टूटते हुए देख रहे थेएएक कमरे से दूसरे कमरे में उनके परिवार के लोग उन्हें ले जाते रहे क्योंकि पूरे घर मे दरारें आ चुकी थी जब घर को अपनी आंखों के सामने टूटते हुए उन्होंने देखा तो उन्हें हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत हो गई उसके बाद उनके परिवार के लोग उन्हें लेकर दूसरे गांव ले गए लेकिन उस दिन बारिश का कहर इस कदर हावी हुआ कि पूरा गांव ही खिसकते हुए नीचे साथ लगती खड्ड में जा समाया।

आज न तो गांव सिहारड़ी में गांव बचा है न लोगों की जमीनें, सिर्फ लोग रोज अपने आशियाने को ढूंढने की तलाश में यहां आते है सरकार दावे कर रही है कि जिनकी घर गए जिनकी जमीनें गई उन्हें मदद करेंगे लेकिन सवाल यह कि आखिर कब। लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि यह वे दूसरों के घरों में रहने को मजबूर है न उनके पास जमीनें बचीं है न ही घर, लोग बताते है कि यहाँ एक सडक थी जिसका आज नामोनिशान मिट चुका है उसके साथ ही आईपीएच विभाग की पाइप लाइन तो जो कि लीक होती रहती थी लेकिन जिस तरह से बारिश हुई उसके बहाव में सब कुछ बह चुका है। सरकार या तो घर बनाने में मदद करें या फिर जितनी जमीनें उनकी इस हादसे में गई है उसके बदले कहीं और जमीन दिलवाने का प्रबंध करें। बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के आने का कार्याक्रम भी 12 सितंबर यानी पिछले कल यहां इस गांव सिहारड़ी आने के था लेकिन वो मौसम खराब की स्थिति में नही आ पाए।

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