नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए सरकार ने सिम कार्ड डीलर का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है और थोक में सिम ‘कनेक्शन’ देने का प्रावधान भी बंद कर दिया गया है। इससे पहले फैसलों की जानकारी देते हुए वैष्णव ने कहा था कि सरकार ने सिम कार्ड डीलर का पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने बाद में स्पष्ट किया कि सिम कार्ड डीलर का सत्यापन ‘लाइसेंस धारक’ या संबंधित सिम कंपनी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उल्लंघन के मामले में 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि सिम कार्ड संबंधी डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ व्यापक कार्रवाई करते हुए सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन बंद कर दिए हैं। 67,000 डीलर का नाम काली सूची में डाला गया है। मई, 2023 से सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। वैष्णव ने कहा कि व्हॉट्सएप ने खुद से करीब 66,000 खातों को ब्लॉक कर दिया है जो धोखाधड़ी के कृत्यों में शामिल थे।
उन्होंने कहा, “अब हमने धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए सिम कार्ड डीलर का निर्विवाद सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले डीलर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सत्यापन दूरसंचार कंपनियों द्वारा किया जाएगा। वे डीलर नियुक्त करने से पहले सत्यापन के लिए प्रत्येक आवेदनकर्ता और कारोबार से जुड़े उसके दस्तावेजों का विवरण जुटाएंगी। इससे पहले डीलर का विस्तृत दस्तावेजीकरण इस नियम में शामिल नहीं था।
मंत्री ने कहा कि 10 लाख सिम डीलर हैं और उन्हें सत्यापन के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरसंचार विभाग ने थोक में ‘कनेक्शन’ देने की सेवा को भी बंद कर दिया है। इसके स्थान पर व्यावसायिक कनेक्शन की एक नई अवधारणा पेश की जाएगी। वैष्णव ने कहा, “इसके साथ ही व्यवसायों का केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) और सिम लेने वाले व्यक्ति का भी केवाईसी किया जाएगा।” केवाईसी के जरिये किसी संस्थान या निवेशक की पहचान और पते को प्रमाणित करने में मदद मिलती है।