
सपा नेताओं का बरेली दौरा: डिप्टी CM केशव मौर्य बोले, मुस्लिम तुष्टिकरण ही सपा की पहचान
लखनऊ
समाजवादी पार्टी का बरेली में प्रतिनिधिमंडल जाने को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यावद पर हमला बोला है। उन्होंने एस्स पर पोस्ट कर कहा कि सपा बहादुर अखिलेश यादव का बरेली में प्रतिनिधिमंडल भेजना नौटंकी और बचकाना कदम है। सपा की पहचान मुस्लिम तुष्टिकरण की गंदी राजनीति से है। विधानसभा चुनाव 2027 में सपा की दुर्दशा और सफाया होना तय है। यूपी दंगा मुक्त, सुशासन व कानून व्यवस्था हमारी पहचान और उपलब्धि है। सपाइयों को यह रास नहीं आ रहा।
सपा के नेता किए गए नजरबंद
आप को बता दें कि उत्तर प्रदेश में बरेली के लिये निकलने से पहले शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं को नजरबंद कर लिया गया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने आरोप लगाया कि वो बरेली जा रहे थे लेकिन जिलाधिकारी के आदेश पर उन्हें रोक दिया गया है। उनके घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। उन्होने कहा कि प्रशासन की दलील है कि सपा नेताओं के जाने से माहौल खराब होगा।
‘आई लव मुहम्मद' को लेकर हुआ था विवाद
गौरतलब है कि पिछली 26 सितंबर को जुम्मे की नमाज़ के बाद‘आई लव मुहम्मद के बैनर के साथ जुलूस निकालने की कोशिश की गयी थी। पुलिस ने इस बगैर अनुमति करार देते हुये बल प्रयोग किया था जिसके बाद जमकर बवाल हुआ था। बरेली के हालात का जायजा लेने के लिये सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर आज नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दौरा करने जा रहे था। इससे पहले ही सपा नेताओं को जगह जगह हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के घर भारी पुलिस
जानकारी के मुताबिक माता प्रसाद पांडेय को लखनऊ में ही रोक दिया गया है वहीं सपा सांसद जियाउर्रहमान बकर् के घर के बाहर भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। बरेली का दौरा करने वाले समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के अलावा सांसद हरेंद्र मलिक, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बकर्, मोहिबुल्लाह, नीरज मौर्य, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव और प्रवीण सिंह ऐरन शामिल थे। हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से उनके जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी। वहीं, उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। चार प्रमुख क्षेत्रों में 10,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती रही, और सुरक्षा के चलते इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं फिलहाल बंद रखी गईं।