प्रदेश को 10 हजार 405 करोड़ की 24 राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क परियोजनाओं की सौगात
भोपाल
मध्यप्रदेश को आज 10 हजार 405 करोड़ रुपए की लागत से 724 किलोमीटर लम्बी, 24 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की सौगात मिल रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 30 जनवरी को जबलपुर में 2 हजार 367 करोड़ रुपए की लागत से 226 किलोमीटर लंबी नौ राष्ट्रीय परियोजनाओं का शिलान्यास वेटनरी कॉलेज ग्राऊंड से कर रहे है।
वहीं शाम को भोपाल में 8 हजार 38 करोड़ रुपए की लागत से 498 किलोमीटर लंबी पंद्रह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास लाल परेड ग्राउंड लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। जबलपुर में वेटनरी कॉलेज ग्राउंड पर आयोजित समारोह में केन्द्रीय मंत्री गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इन सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इन 24 सड़कों के बन जाने के बाद मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्यों के बीच व्यावसायिक और नागरिक यातायात सुगम हो सकेगा।
जबलपुर में इन मार्गों का शिलान्यास
जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम में एनएच 539 के टीकमगढ़-झांसी सड़क पर स्थित जामनी नदी पर पुल का निर्माण, चदिया घाटी से कटनी बायपास तक (पेव्ड शोल्डर के साथ) 2 लेन सड़क उन्नयन कार्य, एनएच-339 के बमीठा से खजुराहो हिस्से का चार-लेन चौड़ीकरण कार्यों का लोकार्पण एवं गुलगंज बायपास से बरना नदी तक दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क उन्नयन कार्य, बरना नदी से केन नदी तक दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, शहडोल से सगर टोला तक दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क उन्नयन कार्य, एनएच -44 (म.प्र.) के अंतर्गत ललितपुर-सागर-लखनादौन खण्ड में कुल 23 श्ढवर पुल सर्विस रोड का निर्माण, एनएच-44 के सुकतारा, खुरई और खवासा में कुल 3 फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य, बंजारी घाटी (एनएच-44) पर 2 ब्लैक स्पॉट का सुधार कार्य का शिलान्यास किया गया
कोयला खदान उद्योग को भी लाभ
इन परियोजनाओं से महाकौशल क्षेत्र के गेहूं और धान कृषि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी आसान होगी, कटनी के कोयला खदान उद्योग को लाभ मिलेगा। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो, ओरछा, राष्ट्रीय पेंच टाइगर कॉरीडोर तक कनेक्टिविटी आसान होगी, बुधनी टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज और वुड क्राफ्ट व्यापार को लाभ मिलेगा साथ ही मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली राज्यों के बीच व्यावसायिक एवं नागरिक यातायात सुगम होगा।