हिमाचल प्रदेश

राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव समृद्धि-संस्कृति का प्रतीक

टीम एक्शन इंडिया/ किन्नौर/अनिल
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने किन्नौर जिला के रिकांग पिओ स्थित मिनि स्टेडियम में आयोजित किए जा रहे राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अध्यक्षता करते हुए कहा कि जनजातीय जिला किन्नौर की समृद्ध संस्कृति, रीती-रिवाज, खान-पान व पहरावे के संरक्षण एवं संवर्धन का प्रतीक है राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव। राजस्व मंत्री ने उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में मेलों का सांस्कृतिक महत्व है और विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने में पारम्परिक मेले अत्यंत महत्व रखते हैं। किन्नौर जिला में वर्ष 1994 से मनाया जा रहा किन्नौर महोत्सव जनजातीय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण व संवर्धन में जहां एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वहीं जनजातीय क्षेत्रों की संस्कृति के प्रचार-प्रसार में भी अहम योगदान प्रदान करता है। उन्होंने मेला समिति को किन्नौर महोत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार हिमाचल में आई आपदा से राहत प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है तथा प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि आपदा के कारण हुए नुकसान के लिए 3500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज पुन:उत्थान एवं पुनर्वास के लिए घोषित किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा कच्चे मकान को हुए नुकसान के लिए 01 लाख 50 हजार रुपये की राशि को बढ़ाकर 07 लाख रुपये प्रति घर किया गया। उन्होंने बताया कि आपदा से जिन भेड़ पालकों की भेड़ों का नुकसान हुआ है उन भेड़ पालकों के लिए सरकार द्वारा मुआवजा राशि को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय जिलों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

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