राष्ट्रीय

कर्नाटक के नीले पत्थर से तैयार प्रतिमा की होगी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या

अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में नीलवर्ण के रामलला विराजमान होंगे। तीन मूर्तियों में से एक मूर्ति को फाइनल कर लिया गया है। ये मूर्ति कर्नाटक के योगीराज ने बनाई है, जो नीले पत्थर से बनी है। बाकी की एक मूर्ति भी नीले पत्थर की है, लेकिन वो दक्षिण भारतीय शैली में है। वहीं, एक मूर्ति सफेद संगमरमर की बनी है। ऐसे में योगीराज की बनाई मूर्ति पर सभी की सहमति बन गई है। 22 जनवरी को रामलला के मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में इसी मूर्ति को प्रतिष्ठित किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि 29 दिसंबर को हुई बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने अपना मत लिखित रूप से चंपत राय को दे दिया था। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि गर्भगृह में रामलला की 51 इंच लंबी प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसमें रामलला 5 साल के बाल स्वरूप में होंगे। प्रतिमा में रामलला को खड़े हुए दिखाया गया है। प्रतिमा ऐसी है जो राजा का पुत्र और विष्णु का अवतार लगे। गर्भगृह में रामलला कमल के फूल पर विराजमान होंगे। कमल के फूल के साथ उनकी लंबाई करीब 8 फुट होगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामलला की तीन प्रतिमाओं का निर्माण 3 मूर्तिकारों गणेश भट्ट, योगीराज और सत्यनारायण पांडेय ने तीन पत्थरों से किया है। इनमें सत्यनारायण पांडेय की प्रतिमा श्वेत संगमरमर की है। जबकि शेष दोनों प्रतिमाएँ कर्नाटक के नीले पत्थर की हैं। इनमें गणेश भट्ट की प्रतिमा दक्षिण भारत की शैली में बनी थी। इस कारण अरुण योगीराज की प्रतिमा का चयन किया गया है।

रामलला की तीनों मूर्तियों को नवनिर्मित मंदिर में ही स्‍थापित किया जाएगा। एक मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। दूसरी पहले तल पर राम दरबार में लगेगी। तीसरी मूर्ति को द्वितीय तल पर स्थापित किया जाएगा। पहली मूर्ति का चुनाव हो गया है, बाकी की दोनों मूर्तियों को कहाँ स्थापित किया जाएगा, इसका निर्णय बाद में किया जाएगा। तीनों मूर्तियों के लिए वस्‍त्र, जेवर और मुकुट का निर्माण हो रहा है। रामलला को गर्भगृह में जिस आसन पर विराजमान करवाना है, वह भी तैयार है।

गौरतलब है कि अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी, 2024 को रामलला का प्राण-प्रतिष्ठा होगा। इसके लिए तैयारियाँ जोरों-शोरों से हो रही हैं। इस अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे। इनके अतिरिक्त 3000 वीआईपी समेत 7000 निमंत्रण भेजे गए हैं। इनमें कारसेवकों का परिवार भी हैं जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी जान गवा दी। ट्रस्ट का कहना है कि आयोजन में 10 हजार से 15000 लोगों के आने का इंतजाम होगा।

कौन हैं अरुण योगीराज?

रामलला की प्रतिमा को बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज मैसूर महल के कलाकारों के परिवार के हैं। 37 साल के अरुण योगीराज ने 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए किया। एमबीए के बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की, लेकिन उसे छोड़कर वह प्रतिमा बनाने लगे। प्रधानमंत्री भी उनकी प्रतिमा की तारीफ कर चुके हैं। जगद्गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण भी योगीराज कर चुके हैं। यह प्रतिमा केदारनाथ धाम में स्थापित है।

22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम का अभिषेक होगा। यह समारोह सात दिनों तक चलेगा। इसकी शुरुआत 16 जनवरी को होगी। समारोह के दौरान भगवान राम की मूर्ति के साथ जुलूस निकाला जाएगा। अनुष्ठानिक स्नान, पूजा और अग्नि अनुष्ठान किया जाएगा। 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर के समारोह में शुभ 'मृगशिरा नक्षत्र' में मूर्ति को अपना स्थायी घर मिल जाएगा।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/