आरोपपत्र दाखिल ना करने पर वैधानिक जमानत
नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस द्वारा निर्धारित अवधि में आरोपपत्र दाखिल ना करने पर आरोपी को वैधानित जमानत दे दी है। यह मामला गैर इरादतन हत्या से संबंधित है। न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने इस मामले में आरोपी संजय मोरे को सशर्त जमानत देते हुए कहा कि पुलिस इस मामले में निर्धारित अवधि के भीतर आरोपपत्र दायर करने में असफल रही है। इसलिए आरोपी वैधानिक जमानत पाने का हकदार है। हालांकि, पीठ ने आरोपी को जमानत देते हुए उस पर कई तरह की शर्त भी लगाई हैं।
बता दें कि कीर्ति नगर इलाके में 23 वर्षीय एक युवक को 26 अगस्त 2023 को चोर समझकर इलाके के लोगों ने पीट दिया। युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। उसके पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनका बेटा नशे का आदी था। घटना वाले दिन वह सुबह तीन बजे घर से निकला। साढ़े छह बजे वापस आया तो बुरी तरह जख्मी था। उसके सिर से खून बह रहा था। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। जांच में पता चला कि लोगों ने उसे चोर समझकर पीटा था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस का उच्च न्यायालय में कहना था कि अभी यह सलाह ली जा रही है कि इन आरोपियों पर उपयुक्त धारा क्या लगनी चाहिए। वहीं पीठ ने कहा कि कानून के हिसाब से घटना के 60 दिन के भीतर आरोपपत्र दायर किया जाना चाहिए था, जोकि नहीं किया गया।