
खेतों में अभी तक भरा पानी, 17 गांवों के किसान लघु सचिवालय पहुंचे
हिसार/टीम एक्शन इंडिया
जिले के नारनौंद क्षेत्र के लगभग डेढ़ दर्जन गांवों के किसान मंगलवार को लघु सचिवालय पहुंचे और नारेबाजी की। किसानों ने मांग की कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के साथ जो समझौता हुआ था, उसे लागू किया जाए। एकत्रित होकर किसानों ने कहा कि नारनौंद क्षेत्र के लगभग 17 गांवों में जलभराव है। न तो पाइप लाइन डाली है और न ही ड्रेन से पानी निकाला जा रहा है। बरसात शुरू होने में दो महीने शेष रह गए है। इसलिए बारिश के सीजन से पहले पानी निकासी का प्रबंध करें। भावांतर स्कीम में बाजरे को शामिल किया जाए। उपायुक्त से मिलने के बाद किसान नेता सुरेश कोथ ने कहा कि उन्होंने हमारी मांगों पर सकारात्मक विचार किया। इसलिए हमने पड़ाव न डालने का फैसला किया है। किसानों की पैदल यात्रा 10 फरवरी को खेडी चौपटा से शुरू हुई थी। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कोथ ने कहा कि 17 गांवों के किसानों की सहायता राशि को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के साथ किसानों का जो समझौता हुआ था, उसके अनुरूप सहायता राशि वितरित नहीं की जा रही है।
उनकी मांग है कि जिन शर्तों पर समझौता हुआ था, उसी के तहत यह सहायता राशि किसानों को दी जाए। हिसार जिले के काफी गांव के हजारों एकड़ भूमि पर बारिश का पानी खड़ा हो जाता है और कई गांव में तो आज भी पानी खड़ा हुआ है। जिसके कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं और अगली फसल तक की बिजाई भी नहीं हो पाती। किसान नेता के अनुसार उन क्षेत्रों में बारिश से पहले पानी निकासी की व्यवस्था की जाए। सीएससी केंद्रों पर जिन किसानों का फसल बीमा काटा गया था, उनको सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया है। उन फसल बीमा पॉलिसियों को वैध किया जाए। पाले की वजह से प्रदेश में काफी जगह सरसों की फसल में काफी नुकसान हुआ है। जल्द स्पेशल गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिया जाए। बाजरे की फसल की जो भावांतर स्कीम प्रदेश सरकार ने लागू की थी। भावांतर स्कीम का पैसा काफी किसानों को अभी तक नहीं मिला है।