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पूर्णिया में तेजस्वी के रोड शो पर पथराव, हिंसा की आशंका बढ़ी, पप्पू यादव पर उठ रहे सवाल

पूर्णिया.

बिहार की चार लोकसभा सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान शांतिपूर्ण हो गया। अब 26 अप्रैल को पांच सीटों पर चुनाव है। इनमें से पूर्णिया सीट सबसे अशांत है। यहां कभी भी हिंसा हो सकती है। चुनाव आयोग के मातहत जिला निर्वाचन कार्यालय की पूरी टीम इस आशंका को समझ रही है, लेकिन उसे यह पक्का पता नहीं कि हिंसा कहां हो सकती है।

वजह है कांग्रेस नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की रणनीति। तेल पिलावन, लाठी घुमावन जैसी रैली से कभी चर्चा में रहे राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में शांति बरत रहे हैं, वरना हर जनसभा और यहां तक रोड शो के दौरान मारपीट का पूरा माहौल पप्पू यादव के समर्थक तैयार कर दे रहे हैं। मंगलवार की रात एक घटना हो भी चुकी है।

तेजस्वी यादव के काफिले पर रोड़ेबाजी, पप्पू यादव जिंदाबाद
मंगलवार की रात पूर्णिया में जनसभा के बाद नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने महागठबंधन से राजद उम्मीदवार बीमा भारती के समर्थन में रोड शो किया। रोड शो के दौरान तेजस्वी यादव का काफिला जैसे ही पूर्णिया के आरएन साह चौक पर पहुंचा, वहां पर पहले से मौजूद निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव के समर्थकों ने तेजस्वी यादव के काफिले पर पत्थरबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। साथ ही, पप्पू यादव जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। पत्थरबाजी में राजद कार्यकर्ता छोटू यादव की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। कई कार्यकर्ता जख्मी हुए हैं। राजद कार्यकर्ताओं ने वहां जवाब दिया होता तो माहौल बिगड़ सकता था। राजद नेताओं ने कहा कि हार के डर से पप्पू यादव अपने समर्थकों का भेजकर बिहार में नौकरी देने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर पत्थर चलवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि पप्पू यादव की गुंडागर्दी अभी से ही शुरू हो गई है। अगर पप्पू यादव जीत जाते हैं तो पूर्णिया में गुंडागर्दी और बढ़ जाएगी। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का 40 किलोमीटर लंबे रोड शो पूर्णिया के जलालगढ़ से शुरू होकर जीरो माइल पर खत्म हुआ और हर जगह पप्पू यादव के समर्थक अपने नेता के जिंदाबाद का नारा लगाकर सामने वालों को उकसाने की कोशिश करते दिखे।

तेजस्वी यादव और सीएम नीतीश के कार्यक्रम में नारेबाजी करा रहे
पूर्णिया में कभी भी हिंसा भड़कने की आशंका इसलिए है, क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव के समर्थक अपने स्तर पर प्रचार करने से ज्यादा सामने खड़े नेताओं के समर्थकों को उकसाने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की हर सभा में पप्पू यादव जिंदाबाद के नारे लगवाए जा रहे हैं। इसी नारेबाजी से आजिज तेजस्वी यादव ने पप्पू को मैदान से हटाने की बात कहते-कहते यह तक कह दिया कि या तो इंडिया को वोट करें और नहीं तो जाकर एनडीए को वोट कर आएं। उन्होंने बाद में बात को भले संभालते हुए पूर्णिया से राजद प्रत्याशी बीमा भारती के लिए वोटरों का आशीर्वाद मांगा, लेकिन इस पूरे संबोधन के दौरान पप्पू यादव के पक्ष में कुछ युवा तेज आवाज में नारेबाजी करते रहे। इस तरह की नारेबाजी तेजस्वी के हर कार्यक्रम में हो रही है। मंगलवार रात रोड शो के दौरान भी यह हुआ। पप्पू यादव के समर्थक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा में भी यही कर रहे हैं। राजद-जदयू नेताओं का कहना है कि ऐसा लगता है कि किसी सोच के साथ यह नारेबाजी की जा रही है, जिसपर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए।

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