विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को नशे को लेकर किया जागरूक
टीम एक्शन इंडिया
राजकुमार प्रिंस
करनाल। ग्रीन वैली पब्लिक स्कूल में नशे के विरुद्ध एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा द्वारा विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को जागरूक किया गया, जिसमें 82 ने भाग लिया। जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/ उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि नशा दो प्रकार का है। एक प्रतिबंधित दूसरा चेतावनी युक्त अप्रतिबंधित। उन्होंने बताया कि नशीली दवाएं या नशीले पदार्थ ऐसे रासायनिक हैं जो हमारे शरीर की कार्यप्रणाली को बदल देते हैं। परिभाषा देते हुए उन्होंने बताया कोई भी रसायन, जो किसी व्यक्ति की शारीरिक या मानसिक कार्यप्रणाली में बदलाव लाए, मादक पदार्थ कहलाता है।
उन्होंने आगे कहा कि जब कोई व्यक्ति इनका सेवन करता है तो यह किसी के कहने पर शौक से आरंभ होता है, इसके पश्चात कभी कभी और किसी हर्ष के अवसर अथवा किसी तनाव के कारण व्यक्ति नशा करता है। धीरे धीरे यह उसकी प्रवृत्ति का भाग बन जाता है और वह सोचता है कि सप्ताह में एक बार लिया करुंगा। तपश्चात प्रतिदिन एक बार और थोड़े ही समय में उसको पता ही नहीं लगता कि वह उसका आदि हो चुका होता है।
उन्होंने कहा कि नशा न मिलने पर असहनीय पीढ़ा का अनुभव होता है और अब समय आता है जब वह नशेड़ी की श्रेणी में आ खड़ा होता है। नशेड़ी का जीवन अधिक लंबा नहीं होता और कुछ वर्षों में ही उसकी मृत्यु हो जाती है। यह चक्र शौंक से आरंभ होता है और शोक में परिवर्तित होकर शोक सन्देश तक की यात्रा पूर्ण करता है। उन्होंने इसके लक्षणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशे का शिकार हो चूका व्यक्ति खेल कूद और दैनिक कार्यों में रूचि नहीं लेता। उसे भूख कम लगती है, शरीर कमजोर पड़ जाता है, हाथ पाँव कांपते हैं, भार घट जाता है, आँखे लाल और सूजी रहती हैं, उल्टी आना, जी घबराना, चक्कर आना, दृष्टि का कमजोर होना, शरीर में दर्द और जकडन होना, आलस्य और चुपचाप रहना, अनेक बार हिंसक हो जाना और अपराध करना हैं।
उन्होंने कहा कि यदि नशा होता अच्छा तो माँ कहती खा ले मेरे बच्चा। नशा होता अच्छा तो पिता कहता ले थोड़ी सी पी ले क्यों करता है चिंता अपनी जिंदगी जी ले। उन्होंने कहा प्रतिबंधित नशा एनडीपीएस एक्ट 1985 के अंतर्गत पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। बताया कि वर्ष 2023 में 3823 अभियोगों में 5460 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा गया है, जबकि इस वर्ष 2024 में 23 जून तक 1621अभियोग अंकित कर 2245 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है। उन्होंने विभिन्न कविता और गायन के माध्यम से भी विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने को जागरूक किया। कार्यक्रम के अंत में शपथ ग्रहण करवाई गयी।