तीन माह से मूल्यांकन के इंतजार में धूल खा रही विद्यार्थियों की थीसिस
भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में शोध के कार्य को ज्यादा प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। क्योंकि करीब तीन माह से पीएचडी करने के लिए विद्यार्थियों ने थीसिस तैयार कर बीयू को मूल्यांकन के लिए जमा कर दी है, लेकिन बीयू उनका मूल्यांकन कार्य अभी तक शुरू नहीं कर सका है। इससे विद्यार्थी और उनके सुपरवाईजर काफी परेशान हो रहे हैं।
जबकि इतने समय में उनका पीएचडी का नोटिशिफकेशन तक जारी हो जाना था। बीयू ने गोपनीय विभाग से थीसिस मूल्यांकन कार्य का जिम्मा एकेडमिक में स्थानांतरित कर दिया है। अधिकारियों ने बिना इंतजाम किए ही थीसिस मूल्यांकन एक से दूसरे विभाग में भेजा है। इससे इसका लागिन पासवर्ड अभी तक तैयार नहीं हो सका है। इसके कारण बीयू में 70 विद्यार्थियों द्वारा शोध कार्य पूर्ण कर थीसिस तैयार जमा करा दी हैं। तीन माह से उनकी थीसिस मूल्यांकन के इंतजार में धूल खा रही है।
वहीं दूसरी तरफ अपडेट लेने के लिए शोधार्थी बार-बार बीयू पहुंच रहे हैं, जिन्हें अधिकारी डांट फटकार लगाकर भगा देते हैं। वे इसकी शिकायत अपने सुपरवाईजर से कर रहे हैं। इसकी सूचना कुलपति सुरेश कुमार जैन तक पहुंच गई है, उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाकर मूल्यांकन कार्य शुरू कर दिया है।
मूल्यांकन में भी लगता है समय
थीसिस का मूल्यांकन दो प्रोफेसर से कराया जाता है। इसमें एक प्रोफेसर राज्य का और दूसरा राज्य के बाहर का होता है। दोनों की रिपोर्ट सही आने के बाद शोधार्थी को पीएचडी अवार्ड करने की प्रक्रिया आगे बढाई जाती है। इसमें एक भी प्रोफेसर आपत्ति देता है, तो तीसरे प्रोफेसर को थीसिस भेजी है। वह अपनी रिपोर्ट सही देता है, तो प्रक्रिया आगे बढती है। इसमें भी कोई आपत्ति आती है, तो थीसिस शोधार्थी को देकर सुधार कराया जाता है। इसके बाद पीएचडी का नोटिफिकेशन जारी किया जाता है।
इनका कहना है…
थीसिस मूल्यांकन की प्रक्रिया धीमी होने सूचना प्राप्त हुई है। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को रफ्तार में कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
सुरेश कुमार जैन,कुलपति, बीयू