सुब्रत रॉय सहारा के 25,000 करोड़ SEBI के पास, ‘सहाराश्री’ के बाद इन पैसों का क्या होगा?
नईदिल्ली
सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा (Subrata Roy Sahara) का निधन हो गया. ‘सहाराश्री’ के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे और उनकी उम्र 75 साल थी. सुब्रत रॉय के निधन के बाद इस बात पर चर्चा छिड़ गई है कि सेबी (SEBI) के पास पड़ी उनकी 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम का अब क्या होगा?
पूंजी बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था सेबी ने साल 2011 में सहारा समूह (Sahara Group) की दो कंपनियों- सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIREL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था. तब सेबी ने कहा था कि सहारा ग्रुप की इन दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था.
सेबी के पास कैसे आई ये रकम?
बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया. उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था. इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया.
हालांकि सहारा ग्रुप लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है. पूंजी बाजार नियामक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 वर्षों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए. इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.
वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए. इनमें से 48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपये की ब्याज राशि भी शामिल है.
शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए. सेबी ने आखिरी अद्यतन जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपये बताई थी. सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है.
क्या निवेशकों को मिलेगा उनका पैसा?
‘सहाराश्री’ के निधन के बाद सहारा इंडिया के निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या अब उन्हें उनका पैसा वापस मिल पाएगा? केंद्र सरकार ने कुछ वक्त पहले ही सहारा के निवेशकों को उनका पैसा वापस दिलाने के लिए एक पोर्टल (https://mocrefund.crcs.gov.in/) लॉन्च किया था. जानकारों के मुताबिक इस पोर्टल के जरिये सहारा के इन्वेस्टर्स को उनका पैसा प्रक्रिया के मुताबिक मिलेगा. सुब्रत रॉय (Subrata Roy Sahara) के निधन से इसपर कोई असर नहीं होगा.
अदालत के चक्कर काटे, जेल तक गए
सुब्रत रॉय सहारा को ग्रुप की कंपनियों पर लगे अनियमितता के आरोप में लंबी कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा. सहाराश्री जेल तक गए. सबसे बड़ा विवाद चिटफंड कंपनी को लेकर हुआ. आरोप लगा कि इस कंपनी में नियमों को दरकिनार कर निवेश कराए गए. हालांकि सहारा ग्रुप लगातार इस आरोप को नकारता रहा.