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भक्ति भाव में ऐसी ललक जगी कि बना दी लकड़ी की श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति, बालाजी को समर्पित की

जयपुर.

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण शुरू हुआ तो रामभक्ति भाव में ऐसी ललक जगी कि मंदिर की प्रतिकृति लकड़ी से बना डाली। कड़ी मेहनत के बाद राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया गया। सज्जन जांगिड़ भीलड़ी ने शुक्रवार को शाहपुरा में लोगों की आस्था के केंद्र खानिया का बालाजी मंदिर पहुंच कर वहां के महंत रामदास महाराज की मौजूदगी में मंदिर से जुड़े भक्तों को मंदिर के लिए पहला माॅडल भेंट किया।

इस दौरान रामनाम का जयघोष गुंजायमान हो उठा। इसी मंदिर में विशाल स्तर पर राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को शाम सात बजे सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन भी होने जा रहा है। सज्जन जांगिड़ पेशे से इंटीरियर डिजाइनर हैं। बालाजी के अनन्य भक्त सज्जन जांगिड़ भीलड़ी ने ऐसे नौ मंदिर के माॅडल तैयार किए हैं। जिले के अलग-अलग मंदिरों में यह भेंट करेंगे। पहला माॅडल शाहपुरा में सार्वजनिक करके इसे मंदिर में भेंट किया गया है। इस दौरान रामभक्त सज्जन जांगिड़ भीलड़ी और श्याम सुथार पालड़ी के अलावा शाहपुरा से निशांत सुथार, नारायण बोहरा, रवि शंकर उपाध्याय, रामस्वरूप टेंपन, अभिषेक पारीक, सुमित पारीक, अपर लोक अभियोजक अधिवक्ता हितेश शर्मा, तेजेंद्र सिंह नरूका और अन्य मौजूद रहे। भीलवाड़ा के सज्जन सुथार इंटिरियर आर्टिस्ट बताए गए हैं।

उत्तर प्रदेश में अयोध्या का राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी को यह दिन यादगार होने जा रहा है। इस दिन प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अयोध्या में होगा। भगवान रामलला की प्रतिमा की स्थापना होगी। अब तो बस राम भक्तों को 22 जनवरी का शिद्दत से इंतजार है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर मॉडल का भी जबरदस्त क्रेज सामने आ रहा है। राम भक्त यादगार के तौर पर मॉडल बना भी रहे हैं तो इसे खरीदने को भी हर कोई लालायित नजर आ रहा है। सज्जन ने यह प्रतिकृति अपना गांव, अपनी अयोध्या परियोजना के तहत तैयार की है। शाहपुरा में लकड़ी को तराश कर राम मंदिर का मॉडल तैयार आस्था के केंद्र स्थान खानिया का बालाजी मंदिर पहुंच कर वहां के महंत रामदासजी महाराज के यहां भेंट किया तो लोग अब उसी के दर्शन करने मन्दिर पहुंचने लगे हैं। युवा सीएनसी आर्ट एक्सपर्ट व इंटीरियर आर्टिस्ट सज्जन जांगिड़ भीलड़ी ने इंटरनेट पर राम मंदिर के डिजाइन की तस्वीर आने के बाद उन्होंने अपनी कला का प्रयोग कर लकड़ी के प्लाई बोर्ड से राम मंदिर बनाने का विचार किया। दो महीने की मशक्कत के बाद मंदिर बनाने का प्रयास किया। दर्जनों प्रतिकृतियां खराब हुईं। लगातार प्रयास करने पर यह राम मंदिर का माॅडल तैयार हुआ। लोगों की तारीफ और अपने घर में राम मंदिर स्थापित करने की प्रबल इच्छा को देखते हुए लकड़ी के राम मंदिर का क्रेज लोगों में बहुत ज्यादा दिख रहा है। आर्टिस्ट सज्जन जांगिड़ भीलड़ी द्वारा तैयार किये गये राम मन्दिर की प्रतिकृति की साइज दो फीट गुणा डेढ फीट है। इसकी ऊंचाई 21 इंच है। एक प्रतिकृति को तैयार करने में उसे पूरे तीन दिन का समय लगा है।

पूर्व में यह भी कर चुके हैं सज्जन
सज्जन ने पूर्व में भी श्री लक्ष्मीनाथ भगवान, बड़ा मंदिर पुर के लिये बेवाण तैयार किया। गढ़बोर चारभुजा मन्दिर में जी सोने की रेवाड़ी, चारभुजा बड़ा मंदिर भीलवाड़ा में चांदी का बेवाण, पंचमुखी बालाजी मन्दिर भीलवाड़ा में चांदी के दरवाजे, लक्ष्मीनारायण मंदिर में चांदी के दरवाजे बनाने का कार्य भी बखूबी किया है। प्रांरभ से ही मन्दिरों में आना-जाना जारी रहने से धर्म के प्रति आस्था तो थी ही।

इन मंदिरों में देंगे प्रतिकृति राम मंदिर की
सज्जन जांगिड़ भीलड़ी ने राम मन्दिर के नौ मॉडल तैयार करके पूरे जिले में अलग-अलग स्थानों पर भेंट करने का तय किया है। सबसे पहले खानिया का बालाजी मन्दिर शाहपुरा में समर्पित किया गया है। अब भीलवाड़ा मे बड़ा मंदिर, पंचमुखी दरबार, संकट मोचन बालाजी, कुमुद विहार, पुर मंदिर, बागोर, हमीरगढ़ मंदिरों में यह राम मन्दिर की प्रतिकृति देनी है। 

पिता से ही मिली प्रेरणा
सज्जन जांगिड़ भीलड़ी को राम मन्दिर की प्रतिकृति बनाने की प्रेरणा अपने ही पिता से मिली। पिता स्वर्गीय हरक लाल ने पूरे भारत वर्ष के कई मंदिरो में काम किया है। उन्हीं की प्रेरणा से आज भी पूरे भारत में उनको काम करने का अवसर मिल रहा है। मंदिरों में लकड़ी के दरवाजे, मेटल का वर्क, सोने चांदी के कार्य मिलते हैं। पूर्व में पिता के समय ये सभी कार्य हाथ से नक्काशी कर किया जाता था। आज आधुनिक सीएनसी  और  लेज़र  मशीन  के द्वारा  कर के बहुत  फिनिशिंग और कम  समय  में इस प्रकार के कार्यों को वो पूरा करते हैं।

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