सन फार्मा ने एक्लेरिस थेरेप्यूटिक्स के साथ किया लाइसेंसिंग समझौता
सन फार्मा ने एक्लेरिस थेरेप्यूटिक्स के साथ किया लाइसेंसिंग समझौता
नई दिल्ली
सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज लिमिटेड की इकाई ने एक्लेरिस थेरेप्यूटिक्स इंक के साथ एक लाइसेंसिंग समझौता किया है। इसमें 1.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 125 करोड़ रुपये) का अग्रिम भुगतान, रॉयल्टी आदि शामिल हैं।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज और इंक एक्लेरिस थेरेप्यूटिक्स के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इंक एक्लेरिस थेरेप्यूटिक्स एक क्लिनिकल-स्टेज बायोफार्मास्युटिकल कंपनी है जो 'इम्यूनो-इंफ्लेमेटरी' बीमारियों के लिए दवाएं बनाती है।
कंपनी ने कहा, ‘‘लाइसेंस समझौते के तहत एक्लेरिस ने सन फार्मा को एलोपेसिया एरीटा (एए) या एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (एजीए) के इलाज के लिए ड्यूरक्सोलिटिनिब, सन फार्मा के जेएके अवरोधक या रक्सोलिटिनिब के अन्य आइसोटोपिक प्रकार के इस्तेमाल के लिए कुछ पेटेंट के तहत विशेष अधिकार प्रदान किए है।''
हिंदुस्तान जिंक के बोर्ड ने 2,535.19 करोड़ रुपये के लाभांश को मंजूरी दी
नई दिल्ली
वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए छह रुपये प्रति इक्विटी शेयर के दूसरे अंतरिम लाभांश को मंजूरी दे दी है। इनकी कीमत कुल 2,535.19 करोड़ रुपये है।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा, ‘‘निदेशक मंडल ने छह दिसंबर 2023 को परिपत्र द्वारा पारित प्रस्ताव के जरिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए छह रुपये प्रति इक्विटी शेयर के दूसरे अंतरिम लाभांश को मंजूरी दे दी है। इसकी कुल कीमत 2,535.19 करोड़ रुपये है।''
अंतरिम लाभांश का भुगतान निर्धारित समयसीमा के भीतर किया जाएगा। कंपनी ने इस साल जुलाई में सात रुपये प्रति शेयर के अपने पहले अंतरिम लाभांश की घोषणा की थी। उद्योगपति अनिल अग्रवाल नीत वेदांता समूह अपना कर्ज कम करने में मदद के लिए अपनी लाभदायक जिंक इकाई हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के बड़े पुनर्गठन पर विचार कर रहा है।
लिथियम-आयन बैटरी घटकों की सुविधा के लिए 4800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी हिमाद्री स्पेशलिटी
नई दिल्ली
हिमाद्री स्पेशलिटी केमिकल लिमिटेड, लिथियम-आयन बैटरी घटकों की विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए अगले पांच से छह वर्षों में 4,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि निदेशक मंडल की बैठक में '' 2,00,000 टन की कुल वार्षिक उत्पादन क्षमता वाली लिथियम-आयन बैटरी (एलआईबी) घटकों की विनिर्माण सुविधा की स्थापना के लिए सीधे/या उसकी अनुषंगी कंपनियों के जरिए पांच से छह वर्षों में 4,800 करोड़ रुपये के निवेश को अनुमति दे दी है।''
कोलकाता स्थित हिमाद्री स्पेशलिटी केमिकल कोयला टार पिच, कार्बन ब्लैक, बैटरी सामग्री, विशेष तेल और परिष्कृत नेफथलीन सहित अन्य उत्पाद बनाती है। इन उत्पादों का उपयोग कई उद्योगों द्वारा किया जाता है।