दिल्ली

सूरजकुंड मेला : ‘बरसाने की कुंज गलिन में मोर बन आयो रसिया…’ गीत पर झूमे पर्यटक

फरीदाबाद/टीम एक्शन इंडिया
सूरजकुंड में 36वां अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में संस्कृति और शिल्प का अनूठा संगम देखकर पर्यटक विभोर हो रहे हैं। सूरजकुंड मेला की छोटी चौपाल पर शुक्रवार को छोटी चौपाल पर वृंदावन के कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर पर्यटकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मेले में एक ओर विभिन्न देश-प्रदेश के आए बुनकर, शिल्पकार अपनी-अपनी कला का हुनर प्रदर्शित कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर विश्व के विभिन्न देशों व भारत के अलग-अलग प्रदेशों से आए लोक कलाकार भी अपने-अपने अंदाज में लोकगीतों व नृत्य का बेहतरीन प्रदर्शन कर मेले के पर्यटकों का खूब मन लुभा रहे हैं। शुक्रवार को मेला की छोटी चौपाल पर उत्तरप्रदेश के बृज भूमि मथुरा की देव नगरी वृंदावन से आए उमाशंकर देसला ग्रुप ने मयूर नृत्य प्रस्तुति देकर पर्यटकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। वृंदावन के कलाकारों ने बरसाने की कुंज गलिन में मोर बन आयो रसिया, राधे अलबेली सरकार, जपे जा राधे राधे, छम छम नाचे राधा प्यारी जब मोरा बनें मुरारी तथा श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी है नाथ नारायण वासुदेवा… आदि भक्तिपूर्ण गीतों से पर्यटकों को भक्तिभाव में विभोर कर दिया।

वृंदावन के उमाशंकर देसला ग्रुप ने मयूर नृत्य के माध्यम से सभी को यह संदेश दिया कि राधा और कृष्ण का मिलना तो एक बहाना था, उनको प्रेम का मतलब समझाना था। इसी प्रकार पड़ोसी राज्य राजस्थान के कलाकारों ने केसरिया बालम पधारो जी म्हारे देश… की सुंदर प्रस्तुति देकर पर्यटकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। रोहतक की यशपाल एंड पार्टी ने हरियाणवी फोक आर्केस्ट्रा की सुंदर प्रस्तुति देकर लोगों को प्रफुल्लित किया। इस अवसर पर छोटी चौपाल पर निदेशक कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा महावीर कौशिक, आर्ट एंड कल्चर्ल अधिकारी रेणुका हुड्डा डॉ. दीपिका, मंच संचालक राज आर्य व कर्ण लठा सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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