प्रधानाचार्य से मारपीट मामले के खिलाफ एकजुट हुए शिक्षक
टीम एक्शन इंडिया/ऊना/राजन पुरी
जिला ऊना के एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रधानाचार्य पर प्लस टू के छात्र द्वारा हाथ उठाने और गला घोंटने और इसी स्टूडेंट के पिता द्वारा तीन शिक्षकों से मारपीट मामले को लेकर शिक्षक वर्ग लामबंद होना शुरू हो चुका है। घटना के करीब 5 दिन बाद मंगलवार को कई शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि एकजुट होकर जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई। शिक्षकों ने इस मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह से कोई भी व्यक्ति किसी भी शैक्षणिक संस्थान में घुसकर किसी भी अध्यापक के साथ मारपीट या शारीरिक हानि पहुंचाने की वारदात को अंजाम दे सकता है। इस घटना को लेकर पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लानी चाहिए थी जबकि इस मामले में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के साथ-साथ मारपीट करने के आरोप में भी धाराएं लगानी चाहिए थी।
शिक्षक नेता कमल किशोर शर्मा ने कहा कि पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई केवल मात्र लीपापोती है। इस मामले में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने शिक्षक के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट करने के संबंध में किसी भी प्रकार की धारा नहीं लगाई गई है। वही पुलिस द्वारा खानापूर्ति करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया गया और 24 घंटे के भीतर उसे बेहद आसानी से जमानत भी मिल गई। इस प्रकरण और प्रकरण के बाद पुलिस की कार्रवाई केवल मात्र नगण्य नजर आ रही है, जिसके चलते असामाजिक तत्वों को शैक्षणिक संस्थानों में खोज कर इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देने की खुली छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न शिक्षक संगठन एकजुट होकर पुलिस अधीक्षक से मिले हैं और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई गई है। ताकि भविष्य में कोई भी असामाजिक तत्व शिक्षक या शिक्षण संस्थान से जुड़े किसी भी कर्मचारी के साथ ऐसी वारदात को अंजाम देने से पहले सोचे।
पीडित पक्ष या शिक्षा विभाग की ओर से शिकायत आवश्यक वहीं जिला पुलिस अधीक्षक का अर्जितसेन ठाकुर का कहना है कि पुलिस इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस को आरंभिक सूचना मिली केवल उसी प्रकार से स्कूल में घुसकर हुड़दंग मचाने के आरोप में राजीव कुमार को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि पुलिस द्वारा इस मामले में व्यापक कार्रवाई के लिए विकल्प खुले रखे हैं जिसके लिए पीड़ित पक्ष या शिक्षा विभाग की तरफ से एक ठोस शिकायत आवश्यक है। पुलिस अधिकारियों को भी इस मामले में कड़ी निगाह रखने और शिकायत मिलने पर तुरंत कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं।