
तेजस्वी बिना मुलाकात लौटे, कांग्रेस ने बदला रुख – सीट बंटवारे पर बढ़ी खटास
पटना
बिहार चुनाव के लिए आज से नॉमिनेशन का आगाज है. एनडीए ने सीट शेयरिंग का फॉर्मूला दे दिया, मगर महागठबंधन अब भी सीट शेयरिंग में उलझा है. सीट शेयरिंग को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच तलवार खींचती चली जा रही है. दोनों के स्टैंड से दरार बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ राजद नेता तेजस्वी यादव राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले बिना दिल्ली से पटना लौट आए. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपनी मर्जी से 76 उम्मीदवार तय कर राजद को आंख दिखा दी है. उधर राजद ने तो सिंबल भी बांटना शुरू कर दिया है.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अब सीट शेयरिंग का इंतजार नहीं करेगी और जल्द ही टिकट वितरण शुरू करने की तैयारी में है. यह सब तब हो रहा है, जहब पहले से ही सीटों की संख्या पर पेच फंसा हुआ है. उधर मनोज झा और इमरान प्रतापगढ़ी के शायराना अंदाज वाले पोस्ट से पता चल रहा है कि कांग्रेस और राजद के बीच सीटों पर बात नहीं बन पा रही है. दोनों में कुछ सीटों को लेकर झगड़ा चल रहा है. इसके कारण ही सीटों का बंटवारा अब तक नहीं हो पाया है.
क्यों हो रही खींचतान?
दरअसल, तेजस्वी यादव सोमवार को दिल्ली पहुंचे थे. उनका मकसद कांग्रेस के टॉप नेतृत्व से सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति बनाना था. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी की राहुल गांधी और खरगे से मुलाकात नहीं हो सकी. तेजस्वी बगैर मिले ही पटना लौट गए. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की अधिक सीटों की डिमांड राजद मानने के मूड में नहीं है. उधर सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी के पटना पहुंचने से पहले ही लालू यादव ने कुछ कैंडिडेट को सिंबल बांटना शुरू कर दिया था. यह सब तब हो रहा है जब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अब तक महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है.
कांग्रेस ने अलग लड़ने की कर ली तैयारी?
हालांकि, लालू यादव के बेट और राजद की कमान संभाल रहे तेजस्वी ने पटना लौटते ही कहा कि हम सब मिलकर लड़ेंगे और एक दो दिन में सीटों का ऐलान हो जाएगा. हालांकि, इसके बाद ही कांग्रेस की ओर से यह बात सामने आई कि उसने 76 कैंडिडेट की लिस्ट तैयार कर ली है. कांग्रेस ने अपनी रणनीति तेज कर दी है. पार्टी ने 76 उम्मीदवारों की आंतरिक लिस्ट तैयार कर ली है और जल्द ही उन्हें टिकट देने की प्रक्रिया शुरू करेगी. कांग्रेस का कहना है कि अब वह और इंतजार नहीं कर सकती है. यह कदम महागठबंधन में दरार का स्पष्ट संकेत है, क्योंकि पहले सीट शेयरिंग फाइनल होने के बाद ही कैंडिडेट्स अनाउंस करने की परंपरा रही है. मगर दोनों तरफ से कुछ कैंडिडेट्स को सिंबल देने की बात सामने आ चुकी है.
कहां फंसा है पेच
सूत्रों की मानें तो महागठबंधन में दरार की मुख्य वजह सीटों का बंटवारा है. राजद को लग रहा कि कांग्रेस औकात से अधिक सीट मांग रही है. कांग्रेस को लगता है कि राजद उसे कम सीट दे रही है. कांग्रेस राहुल गांधी की यात्रा में जुटी भीड़ से उत्साहित है. 2020 के चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़ाई लड़ी थी, लेकिन इस बार राजद उसे 55 से 60 सीटें ही देना चाहती है. जबकि कांग्रेस 70 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है. यही वजह है कि कांग्रेस ने 76 कैंडिडेट की लिस्ट तैयार कर ली है. इसके अलावा, वीआईपी के मुकेश सहनी की सीटों को लेकर भी पेच हैं. कुल मिलाकर महागठबंधन में अभी पेच ही पेच नजर आ रहा है.